नदी:संकल्प लो, जीवन बचाओ

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)***************************************** ‘विश्व नदी दिवस'(२८ सितम्बर) विशेष… बहती धारा का ये गीत है प्यारा,नदी ही जीवन का आधार हमारा। इसकी लहरों में कल-कल सुर है,धरती का पूरा अस्तित्व उधर है। आज प्रदूषण से घिरी नदी है,प्यास से तड़पती खड़ी नदी है। हमने ही तो दीं चोट हजार,अब बनें इसके रखवाले बार-बार। संकल्प करें-इसे … Read more

माता के नवरात्रे

urmila-kumari

उर्मिला कुमारी ‘साईप्रीत’कटनी (मध्यप्रदेश )********************************************** सज रहे हर मंदिर देवालय माँ के आए पावन नवरात्रे,धूम मची गली-मोहल्ले-शहर में छाए पावन नवरात्रे…। पहले रूप में माता शैलपुत्री सुख भरी झोली देने आई,करो पूजा भजन माता सबकी खाली झोली भरने आई…। दूसरे दिन माता ब्रम्हाचारिणी रूप अंगना में आई,तपस्या संयम धर माता हमें विद्या ज्ञान देने आई…। … Read more

महापाप अब और नहीं

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सभी जानो! कन्या भ्रूण हत्या इस युग का पाप है,यह सचमुच में ही इस दौर का बहुत बड़ा संताप है। कन्या को भी जन्म लेने का पूरा अधिकार है,उसका भी चहकने, महकने का सुखद संसार है। वह भी तो बालक के ही समान सुकोमल जीव है,कोई निर्जीव नहीं, हाड़-माँस से बनी … Read more

माँ स्कंदमाता सुख लाई

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* माँ भवानी आ गयी है, मुस्कान प्रीत सुख लायी हो,करुणार्द्र चित्त संवेदन मन, कार्तिकेय मनाने आयी हो। जवाकुसुम पूजित माँ अम्बे, शरणागति सुत जगदम्बा होशशिकला शीतला माँ ललिते, तारकविनाशिनी अम्बा हो। आश्विन शुक्ल पूजन वन्दन, पंचम स्कंदमाता शक्ति हो,वैदिक पूजित माँ जगदम्बा, भवानी भक्तों की भक्ति हो। जय जननी … Read more

है सम्मोहक हिंदी

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** सौम्य, सुमधुर, सम्मोहक हिंदीसरल, सुलभ है सुवासित हिंदी,संस्कृत की यह सुता कहाती-सत्यं,शिवं,सुंदरम् हिंदी। सभ्य, शिष्ट, सम्मानित हिंदीसदाचार संचारित हिंदी,हो सामूहिक शक्ति प्रदर्शन-करें सरकारी कार्य में हिंदी। सुबह-शाम सब बोलें हिंदीसज्जन सरिस सुवासित हिंदी,संत समागम में शोभित है-सरस-सुधा बरसाती हिंदी। सुर-संगीत सजाती हिंदी,साहित्य सभी बताती हिंदीसंघर्षों के बीच फँसी यह-सर्व शक्ति संचालित हिंदी। … Read more

माँ स्कंदमाता-५

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** स्कंदमाता है करुणा की मूरत,सिंहवाहिनी, शुभ्र वर्णी सूरतकमलपुष्प पर पार्वती विराजे,गोद में कार्तिकेय स्वामी साजे। अद्भुत दिव्य आभा, चतुर्भुज,ज्ञानपुंज, शौर्य प्रतीक तनुज।दो हाथों में कमल को थामती,अभय मुद्रा से आशीष वारती। पंचम दुर्गा वात्सल्य की कृति,उपासकों को देती गति-मतिमाँ शक्ति स्त्रोत, दया की सागर,संतति सुख देती बात उजागर। कृपा … Read more

माँ कूष्मांडा-४

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** ब्रह्माण्ड के विराने, शून्य में,जब कोई नहीं था आकारतब मंदहास माँ कूष्मांडा ने,सृष्टि रच, मिटाया अंधकार। चतुर्थ दुर्गा सूर्यलोक वासी,सकल सृष्टि का करें श्रृंगारसिंहवाहिनी, अष्टभुजावाली,कमंडल-कलश हस्त धार। धनुष, कमल, चक्र, गदा धारे,ब्रह्माण्ड जननी, आदि शक्तिधरती से नभ, जल से पाताल,अणु-अणु करते माँ की भक्ति। मातृछाया से हो जीवन निर्विघ्न,दूर … Read more

माता का जगराता

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* कितना पावन पर्व है, नवरातोंं का आज सुनो सब,शुभ-मंगलमय हो रहा, देखो आज समाज सुनो सबजगदम्बे तो कर रहीं, हर दिल पर अब राज जान लो,भजन-आरती, वंदना, बजें भक्ति के साज़ मान लोहरदय सुख का दाता, माता का जगराता,पावन रूप सुहाता, माता का जगराता‌। शैलपुत्री माँ हैं प्रथम, पुत्री पर्वतराज सुहातीं,प्रथम … Read more

पुरखे हमारे पूज्य हैं

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ श्राद्ध, श्रद्धा और हम (पितृपक्ष विशेष)… हिंदू पंचाँग के अनुसार,माह में होते हैं २ पखवारेआश्विन (क्वाँर) शुक्ल पक्ष में,पितृ पक्ष भी एक पखवारा हैजो वर्ष में एक बार ही आता है। पूर्णिमा से अमावस्या तक,अपने पूर्वजों को स्मरण करने काविधान हमारे पुरखों ने खूब बनाया है,जिसके कारण हम सभी उनकोआज भी करते … Read more

जीवन एक संगीत

urmila-kumari

उर्मिला कुमारी ‘साईप्रीत’कटनी (मध्यप्रदेश )********************************************** जीवन एक मधुर संगीत की तरह होता है,कभी उदासी-सा तो कभी गमगीन होता है…। शब्दों का अंतर है, वो कहाँ से कहाँ सफ़र करता है,शब्दों के अंतर जाल में फंसकर, एक लगाव हो जाता है…। दर्द मिले या खुशी, सभी का अनुभव हो जाता है,उसी पथ पर खुद को अग्रसर … Read more