राधा लेती रही टोह
संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* श्रीकृष्ण की बाँसुरी पर बेसुध राधालेती रही टोह,जाने कहाँ से आ रही है ये आत्मा को घुलाती ध्वनियों का अवरोहराधा वृन्दावन विहारिणी वृषभानु दुलारिनी,खोती जा रही आत्ममुग्ध धुन मेंबांसुरी के सुरों नें जैसे घोल दी हो प्रेमसुधाराधा के तन-मन में, अंत:करण में, प्राण में,राधा बस दीवानी हो चली मुरलीधर कीअब कृष्ण … Read more