माँ अँधियारा हर ले

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* आदिशक्ति माँ दुर्गा (नवरात्रि विशेष)… अम्बे मैया करूँ वंदना सुख-समृद्धि का वर दे,भटक रहा में जाने कब से, मुझको अब तू घर दे।जीवन में अब खुशहाली हो, हरियाली हो, मंगल-मैं बन जाऊँ सच्चा मानव माँ ऐसा तू वर दे॥ सुख-समृद्धि रहे नित्य ही, जीवन सुमन खिलें,कभी न विपदा आये मुझ पर, … Read more

चीत्कार चहुँ गूँज

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* अफ़रा-तफ़री मची हुई है चीत्कार चहुँ गूंज रही है,कृत्रिमता का असंवेदित मन लापरवाही झूम रही है।हालाहल बन मौत सर्पिणी, बेगुनाह पे लगे ठहाके-मरी वेदना बेदर्दी दब, कुपित अदालत गरज रही है॥ गज़ब दास्ताँ हैवानों की, हमदर्दी भी बिलख रही है,कराहती सरकार व्यवस्था, लाचारी भी बिदक रही है।मानवता की कहाँ … Read more

हो भविष्य उज्ज्वल…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** उम्मीद रख, रख स्वलक्ष्य नजर, सपने जरूर तेरे सच होंगे,मेहनत तेरी मुट्ठी में है, हौंसले भी जरूर से उन्नत होंगे।‘अजस्र’ आशीर्वाद तुम्हारे लिए, फलित अनवरत होता ही रहे-उज्ज्वल भविष्य की बने इमारत, खुशहाल सब ही के जीवन होंगे॥ परिचय–आप लेखन क्षेत्र में डी.कुमार’अजस्र’ के नाम से पहचाने जाते हैं। … Read more

ये जरूरी तो नहीं

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** वफ़ा के बदले वफ़ा मिले जरूरी तो नहीं,हर वक्त इश्क में जज़्बात ज़रूरी तो नहीं।दिल के अरमानों को ज़रा बचा के रखना-कोई अपना-सा मिले ये जरूरी तो नहीं॥ परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में … Read more

अवतार

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** ये माना है इश्क में सार नहीं है,जीवन में कोई ऐतबार नहीं है।लेकिन जी न पाऊँगा तेरे बिना-तू आशिक है सिर्फ, अवतार नहीं है॥ परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित … Read more

आत्मानुशासन तस्वीर

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** किनारे तोड़कर बहती नदियाँ,कब, किसको, भाती हैं ?पानी अपना गुदला कर वो,प्यास बुझा कहाँ पाती है ?‘अजस्र’ मान और मर्यादा तो,आत्मानुशासन तस्वीर-स्वतंत्रता, उच्छृंखलता बनकर तो,आफ़त खुद पर ही गिराती है॥ परिचय–आप लेखन क्षेत्र में डी.कुमार’अजस्र’ के नाम से पहचाने जाते हैं। दुर्गेश कुमार मेघवाल की जन्मतिथि-१७ मई १९७७ तथा … Read more

कुंदन बनना है मुझको

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** खिलवाड़ की यह कथा है,मेरी बुलायी व्यथा है।वनदेवी सुनो कहानी अन्यों से-तनिक पृथा है॥ सुख-संतुष्टि अति हुआ जब,मति फिरती मानव की तब।उपदेश कभी ना सुनता-मन चंचल शांत रहा कब॥ मन हो जाता है द्रोही,सुख ऊपर सुख का टोही।उत्तम से अत्युत्तम खोजे-निज से ही बने विमोही॥ माना द्रव द्रव्य होता,धन चमक पर भव्य … Read more

भारत माँ का लाल हूँ

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* भारत माँ का लाल हूँ, दे सकता मैं जान,गाता हूँ मन-प्राण से, मैं इसका यशगान।आर्यभूमि जगमग धरा, बाँट रही उजियार-इसकी गरिमा-शान पर, मैं हर पल क़ुर्बान॥ भगतसिंह, आज़ाद का, अमर सदा बलिदान,ऐसे पूतों ने रखी, भारत माँ की आन।जो भारत का कर गए, सचमुच चोखा भाग्य-ऐसे वीरों ने दिया, हमको नवल … Read more

पक्षियों की पीड़ा

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** पंछी उड़ते नील गगन में, वृक्षों पर उसका डेरा है,भटक रहे हैं इधर-उधर वे, मानव बन गया लुटेरा है।पंछी घटते नित्य धरा पर, यह कैसा कलयुग आया-मानुष फँसता लोभ मोह में, लालच ने सबको घेरा है॥ तिनका-तिनका ढूँढ-ढूँढ कर, वह अपना नीड़ बनाती है,नव बच्चे को वहाँ बिठाकर, फिर भोजन ढूँढने जाती … Read more

प्रेम प्रखर विश्वास

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* प्रेम मधुर इक भावना, प्रेम प्रखर विश्वास।प्रेम मधुर इक कामना, प्रेम लबों पर हास॥प्रेम सुहाना है समां, है सुखमय परिवेश।पियो प्रेमरस डूबकर, रहे संग नित आस॥ प्रेम हृदय की चेतना, प्रेम लगे आलोक।प्रेम रचे नित हर्ष को, बना प्रेम से लोक॥प्रेम एक आनंद है, जो जीवन का सार।प्रेम राधिका-कृष्ण है, दूर … Read more