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चहकें और चहकाएं

शशांक मिश्र ‘भारती’
शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश)

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एक बार फिर आहट,

होने लगी है अगले साल की

कलैण्डर बदलने

बधाईयां देने का समय,

देश-विदेश को सन्देशों से

जोड़ने-

पर आकांक्षा यही है,

कि २०२० सा ‘कोरोना’ वाला न हो।

घर में कैद ‘लाकडाउन’ सा नहीं,

खेलता-कूदता बचपन

शिक्षा के मन्दिरों का,

मुस्कराना-दौड़ना-भागना

न रोके

हाँ,बीस से इक्कीस नाम से नहीं

काम से भी साबित हो।

सभी पहले से स्वस्थ सुखी और,

स्वतंत्र हो जाएं

कोरोना से बने बंधन टूटें,

हम सभी पुनः

उन्मुक्त गगन के पंछी-सा,

आने साले साल में मित्रों

चहकें और चहकाएं॥

परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैL २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में हैंL वर्तमान तथा स्थाई पता शाहजहांपुर ही हैL उत्तरप्रदेश निवासी श्री मिश्र का कार्यक्षेत्र-प्रवक्ता(विद्यालय टनकपुर-उत्तराखण्ड)का हैL सामाजिक गतिविधि के लिए हिन्दी भाषा के प्रोत्साहन हेतु आप हर साल छात्र-छात्राओं का सम्मान करते हैं तो अनेक पुस्तकालयों को निःशुल्क पुस्तक वतर्न करने के साथ ही अनेक प्रतियोगिताएं भी कराते हैंL इनकी लेखन विधा-निबन्ध,लेख कविता, ग़ज़ल, बालगीत और क्षणिकायेंआदि है। भाषा ज्ञान-हिन्दी,संस्कृत एवं अंगेजी का रखते हैंL प्रकाशन में अनेक रचनाएं आपके खाते में हैं तो बाल साहित्यांक सहित कविता संकलन,पत्रिका आदि क सम्पादन भी किया है। जून १९९१ से अब तक अनवरत दैनिक-साप्ताहिक-मासिक पत्र-पत्रिकाओं में रचना छप रही हैं। अनुवाद व प्रकाशन में उड़िया व कन्नड़ में उड़िया में २ पुस्तक है। देश-विदेश की करीब ७५ संस्था-संगठनों से आप सम्मानित किए जा चुके हैं। आपके लेखन का उद्देश्य- समाज व देश की दशा पर चिन्तन कर उसको सही दिशा देना है। प्रेरणा पुंज- नन्हें-मुन्ने बच्चे व समाज और देश की क्षुभित प्रक्रियाएं हैं। इनकी रुचि- पर्यावरण व बालकों में सृजन प्रतिभा का विकास करने में है।

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