आ गया फिर बसन्त

शशांक मिश्र ‘भारती’शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************ आ गया फिर बसन्त,फूलों को कहे हसन्तबाग-बगीचे खिल गए,हृदय से हृदय मिल गए।सरसों के हाथ पीले,चना तनकर मुस्कायाअलसी ने कमर मटकाई,गेहूं फूला न समाया।कृषक का धन…

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स्वार्थ की दीमक रोक न सके

शशांक मिश्र ‘भारती’शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ******************************************* राष्ट्रीय मतदाता दिवस हम सालों से आ रहे मनाते हैं,लोभ स्वार्थ के वशी सत्ता के लिए समझ क्या पाते हैं।मतदान के लिए जागरूकता शीर्ष को सचेत…

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चहकें और चहकाएं

शशांक मिश्र ‘भारती’शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ********************************************* एक बार फिर आहट, होने लगी है अगले साल की कलैण्डर बदलने बधाईयां देने का समय, देश-विदेश को सन्देशों से जोड़ने- पर आकांक्षा यही है, कि…

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हर साल बाढ़,अब समाधान करना होगा

शशांक मिश्र ‘भारती’शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ****************************************************************** जून से अब तक जब भी टी.वी. खोलो या किसी समाचार-पत्र पर नजर डालो-आज इतने बेघर इतने बहे और इतने मरे…पढ़ने अथवा सुनने को मिलता है।…

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घायल हो रहा हिमालय

शशांक मिश्र ‘भारती’शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ****************************************************************** आज देश की कई सीमाएं असुरक्षा से मचलती हैं, घायल हो रहा हिमालय शहीदों की संख्या बढ़ती है। देश के अन्दर कानाफूसी दोषारोपण में उलझे लोग-…

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अब तक मनुज समझ न पाया

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. यदि धरा आज न होती, तब मानव कहां से होता रहता कहां घूमता कहां, और कहां घर बना सोता। रत्न…

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प्रेम से मिलते हैं…

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************************** कहीं-कहीं पर रंग मिलते हैं, कहीं पर मित्रों दिल मिलते हैं। सालों की कटुता कोई मिटाता- प्रेम का पर्व यह प्रेम से मिलते हैं॥ परिचय–शशांक…

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मिलना होली है

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************************** रंगों का मिलना होली है, हृदय मिले हमजोली है। मिलन पर्व मिला सके तो- सच का पर्व ठिठोली है॥ परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl…

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रंग चढ़ने लगा

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************************** होली का रंग चढ़ने लगा है, फगुआ बसंत बढ़ने लगा है। नाचने गाने वाले निकल आये- देखो बसंत खिलने लगा है॥ परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक…

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फाग का छिड़ा राग

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************************** होली के रंग मिले जब हृदय खिलने लगे, फाग का छिड़ा राग बाल युवा मचलने लगे। विविध रंगों से सजा मिलन पर्व ज्यों आया- मस्ती…

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