बोधन राम निषाद ‘राज’
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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शिक्षा धन सबसे बड़ा,शिक्षा है अनमोल।
शिक्षा से कुछ भी नहीं,और नहीं हैं तोल॥
शिक्षा से संस्कार का,होता आज विकास।
शिक्षा से इंसान है,शिक्षा ज्ञान प्रकाश।।
सबसे उत्तम ज्ञान है,मत बनना अज्ञान।
अज्ञानी दु:ख पात है,जैसे मृत्यु समान॥
जीवन में सुख पाइए,शिक्षा ज्ञान अपार।
शिक्षा ज्योत जलाइए,जगमग हो संसार॥
उन्नति देश समाज की,शिक्षा से उद्धार।
शिक्षा तो अनमोल है,जीवन बेड़ा पार॥