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खत्म किया जाए साल २०२०

नवेन्दु उन्मेष
राँची (झारखंड)

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बाबा बोतलदास की गप्प गोष्ठी में साल २०२० पर चर्चा चल रही थी। गोष्ठी में मौजूद प्रत्येक व्यक्ति साल २०२० की समीक्षा अपने-अपने ढंग से कर रहा था। एक ने कहा कि,यार लगता है कि विश्व के लोगों ने साल २०२० के जश्न को ठीक से नहीं मनाया। इससे पहले जितने भी साल आए,उन्होंने इतनी तबाही दुनिया में नहीं मचाई। दूसरे ने कहा कि,साल २०२० का स्वागत विश्व के लोगों ने ठीक ने नहीं किया,इसलिए यह साल लोगों के लिए कोरोना के रूप में आफत लेकर आया है। यह एक मात्र साल है जिसमें मात्र चार महीने में लगभग पौने २ लाख लोगों की मौत हुई है। अभी तो साल के ६ महीने बाकी हैं,इन महीनों में यह साल न जाने क्या-क्या गुल खिलाएगा।
चर्चा को आगे बढ़ाते हुए बाबा बोतलदास ने कहा कि यह साल लोगों के लिए शुभ
नहीं रहा। दुनिया के अधिकांश देश वैश्विक बीमारी नोवेल ‘कोरोना’ से पीड़ित हैं। सभी देशों को इस बीमारी के इलाज के लिए मिल-बैठकर विचार करना चाहिए।
इस पर टोकते हुए पहले व्यक्ति ने कहा कि इस बीमारी का इलाज नहीं,बल्कि साल २० २० का इलाज किया जाना चाहिए। यह सुनकर गोष्ठी में बैठे लोगों के कान खड़े हो गए। उस व्यक्ति ने कहा कि साल २०२० का ठीक ढंग से इलाज करने से ही दुनिया को सभी प्रकार की बीमारी से निजात मिल सकती है। मेरे विचार से जब दुनिया के आतंकी ओसामा बिन लादेन को खत्म किया जा सकता है,इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन को फांसी पर लटकाया जा सकता है और सीरिया में आतंकवाद को खत्म किया जा सकता है तो फिर साल २०२० का इलाज क्यों नहीं किया जा सकता..! उसने आगे कहा प्लेग,चेचक और पोलियो जैसी बीमारी का इलाज भी दुनिया के लोगों ने किया तो वे आपस में मिल-बैठकर साल २०२० का भी इलाज ठीक से करें।
इस पर बाबा बोतलदास ने कहा कि साल २०२० को खत्म करना ही इस बीमारी का एकमात्र इलाज है। जिस प्रकार कम्प्यूटर में विषाणु घुस जाता है,तो उसे खत्म कर दिया जाता है और उसमें प्रति-विषाणु डाल कर उसकी दोबारा शुरुआत की जाती है,
तो उसी तरह साल २०२० को भी खत्म करके उसमें प्रति-विषाणु डाला जाना चाहिए। इसके बाद फिर से साल २०२०
की शुरुआत होनी चाहिए। इससे लाभ यह होगा कि,दुनिया के सारे विषाणु एकसाथ
समाप्त हो जाएंगे और आगे के महीने भी
लोगों के लिए शुभकारी होंगे।
बाबा ने कहा कि,दुनिया के देशों को साल २०२० को मिटाने के लिए बैठक बुलानी चाहिए,क्योंकि वे सभी कोरोना विषाणु से पीड़ित हैं। वैसे भी यह साल ‘दुर्लभ
से दुर्लभतम’ की गिनती में आता है। इसलिए इसे किसी भी सूरत में खत्म किया जाना ही कोरोना से मुक्ति का एकमात्र उपाय है। बैठक
को संबोधित करते हुए तीसरे व्यक्ति ने कहा कि इससे पूर्व दुनिया ने कम्प्यूटर के टू वाइ के की समस्याओं का समाधान मिल बैठकर निकाला था। इसके बाद बैठक खत्म हो गई।

परिचय-रांची(झारखंड) में निवासरत नवेन्दु उन्मेष पेशे से वरिष्ठ पत्रकार हैंl आप दैनिक अखबार में कार्यरत हैंl

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