श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
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एक तुम्हीं आधार सद्गुरु,
एक तुम्हीं आधार…।
जब तक मिलो ना तुम जीवन में,
शांति कहां मिल सकती मन में
खोज फिरा संसार सदगुरु,
एक तुम्हीं आधार…।
कैसा भी हो तैरन हारा,
मिले ना जब तक शरण सहारा
हो न सका उस पार सद्गुरु,
एक तुम्हीं आधार…।
हे प्रभु तुम ही विविध रूपों में,
हमें बचाते भव कूपों में
ऐसे परम उदार सद्गुरु,
एक तुम्हीं आधार…।
छा जाता जग में अंधियारा,
तब पाने परकाश की धारा
आए तेरे द्वार सद्गुरु,
एक तुम्हीं आधार…।
हम आए हैं द्वार तुम्हारे,
अब उद्धार करो दु:ख हारेl
सुन लो दास पुकार सद्गुरु,
एक तुम्हीं आधार…ll
परिचय-श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है।