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मुझे तुमसे प्यार है…

दृष्टि भानुशाली
नवी मुंबई(महाराष्ट्र) 
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आज का हर एक पल हर लम्हा खास है,
कुछ कहना है उनसे जिनसे जीने की आस है
इस ‘वैलेंटाइन-डे’ को मैं उल्फ़त से भर दूं,
उन अहम हिस्सों से जाकर प्यार का इज़हार कर दूँ।

जन्म-मरण दोनों ही तेरे हाथों में है,
अगर बंदगी हो सच्ची,हर प्रार्थना तुझे इक़रार है
किसी ने कहा हो या नहीं,कोई कहे या ना कहे,
मैं कहती हूँ,-ऐ ईश्वर…मुझे तुमसे प्यार है।

यह जिंदगी का तोहफा मुझे तुमसे मिला है,
इसे खुशियों से भर कर उन्होंने हसीन बनाया है
इस बेवफा दुनिया में जो बेखुदी प्यार करे,
उन माँ-बाप से कहती हूँ…-मुझे आपसे प्यार है।

शुक्रियादा करना है तेरी रिफ़ाकत का मुझे,
हर कठिन समय में संग पाया है तुझे
उस हमदम से मुझे बस यही कहना है,
-ऐ रफ़ीक…मुझे तुमसे प्यार है।

मौत को तुमने अपना आशना बनाया है,
लाल गुलाल नहीं,लाल लहू को अपनाया है
तेरी शिद्दत और जुनून को मेरा सलाम है,
ऐ सैनिक…मुझे तुमसे प्यार है।

हर खता को तूने अनदेखा किया है,
हर झूठ को तूने अनसुना किया है।
तेरे लिए सही-गलत दोनों ही समान हैं,
ऐ क़ब्र…मुझे तुमसे भी! प्यार है…॥
(इक दृष्टि यहाँ भी:उल्फ़त=प्यार,बंदगी=भक्ति,बेवफा= विश्वासघाती, बेखुदी=निस्वार्थता, रिफ़ाक़त=मित्रगण; वफ़ादारी, रफ़ीक=दोस्त,आशना=साथी,खता= गलती)

परिचयदृष्टि जगदीश भानुशाली मेधावी छात्रा,अच्छी खिलाड़ी और लेखन की शौकीन भी है। इनकी जन्म तारीख ११ अप्रैल २००४ तथा जन्म स्थान-मुंबई है। वर्तमान पता कोपरखैरने(नवी मुंबई) है। फिलहाल नवी मुम्बई स्थित निजी विद्यालय में अध्ययनरत है। आपकी विशेष उपलब्धियों में शिक्षा में ७ पुरस्कार मिलना है,तो औरंगाबाद में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हुए फुटबाल खेल में प्रथम स्थान पाया है। लेखन,कहानी और कविता बोलने की स्पर्धाओं में लगातार द्वितीय स्थान की उपलब्धि भी है,जबकि हिंदी भाषण स्पर्धा में प्रथम रही है।

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