कुल पृष्ठ दर्शन : 154

कोरोनाकाल में `साहित्योदय` ने कराया ७५० रचनाकारों का काव्य पाठ,सम्मान भी

मधुपुर(झारखंड)।

वैश्विक महामारी `कोरोना` के खौफ़ में जहाँ पूरा विश्व ठहर गया है,और लोग घरों में कैद रहने को विवश हैं,वहीं लोगों में व्याप्त निराशा के अंधकार में अंतर्राष्ट्रीय साहित्य-कला संगम `साहित्योदय` उम्मीद का सूरज बनकर निकला है। ‘कोरोना से जंग,साहित्योदय के संग’ अभियान के तहत २४ मार्च से लगातार ऑनलाइन कवि सम्मेलन में लाइव कवि सम्मेलन में अब तक ७५० नवोदित और प्रतिष्ठित कवि-कवियित्रियों का सिर्फ ‘कोरोना’ पर काव्यपाठ हो चुका है। सभी कॊ सम्मानित भी किया जा रहा है।
साहित्योदय की इस पहल में सम्मेलन अनवरत जारी है। साहित्योदय के संस्थापक अध्यक्ष कवि पंकज ‘प्रियम’ ने बताया कि,काव्य पाठ में कोरोना की रोकथाम,बचाव के उपाय,कोरोना योद्धाओं के लिए धन्यवाद और पीड़ितों के लिए हौंसला बढ़ाने वाली एक से बढ़कर एक रचनाएँ आ रही है,जिसका उपयोग जनजागरूकता अभियान में भी किया जा रहा है। आपके मुताबिक इस ऑनलाइन सम्मेलन का उद्देश्य लोगों की निराशा को दूर करना,एवं वैसे लोगों की हौंसला आफजाई करना है,जो इस विकट परिस्थितियों में भी देश सेवा में जुटे हैं। दूसरे चरण में यह कवि सम्मेलन पूरी तालाबंदी अवधि में चलता रहेगा।
काव्य पाठ में डॉ. सुधा सिन्हा,डॉ. मीना परिहार,डॉ. अन्नपूर्णा श्रीवास्तव,जयदेव पुष्पा सहाय,संगीता जी,रुणा रश्मि,प्रमिला श्री,डॉ. मीना परिहार,डॉ. अर्चना,अनिता रश्मि आदि शामिल हैं। सम्मेलन को सफल बनाने में सचिव अनिता सिध्दि,प्रबन्ध निदेशक संजय करुणेश सहित मार्गदर्शक जयप्रकाश ओझा,उदयशंकर उपाध्याय,अनामिका गुप्ता,गीता चौबे, किशोरी व राजेश कुमार उपाध्याय सहित पूरा दल जुटा हुआ है।

Leave a Reply