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जय श्री राम

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ 
नागपुर(महाराष्ट्र)

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राम हैं जीवन और मृत्यु,
के आधार,जय श्री राम।
पांच शताब्दी से,इंतजार था सबको,
वह शुभ दिन आया,आज श्री राम॥

द्वापर युग में,जन्मे श्री कृष्ण,
त्रेता युग में,प्रभु श्री राम।
कृष्ण जन्म स्थल की पावन माटी,
मिलेगी पूजन में,विराजेंगे जहाँ श्रीराम॥

मर्यादाओं में,पुरूष श्रेष्ठ,
रामराज्य के जनक,हैं श्री राम।
असत्य पर सत्य,की जीत,
के नायक,सत्यमेव जयते श्रीराम॥

तीनों लोकों के,स्वामी त्रिलोकीनाथ,
सबके तारणहार,पालनहार श्री राम।
प्रातः उठकर,करते जो वंदन,
सबसे दु:ख हरते,प्रभु श्री राम॥

सभी देवी देवता,ऋषि मुनि हर्षित,
हैं राममंदिर के,निर्माण से।
आस्था,विश्वास,श्रद्धा ने सजीव,
रूप धरा आज,रामलाल भूमिपूजन से॥

पूरे विश्व में,रामभक्त झूम रहे,
सबके बलिदान,त्याग सफल हुए।
पावन अवसर आया,प्रभु स्वागत का,
बोलो जय श्रीराम,जीवन हमारे सफल हुए॥

परिचय-डाॅ. मधुकर राव लारोकर का साहित्यिक उपनाम-मधुर है। जन्म तारीख़ १२ जुलाई १९५४ एवं स्थान-दुर्ग (छत्तीसगढ़) है। आपका स्थायी व वर्तमान निवास नागपुर (महाराष्ट्र)है। हिन्दी,अंग्रेजी,मराठी सहित उर्दू भाषा का ज्ञान रखने वाले डाॅ. लारोकर का कार्यक्षेत्र बैंक(वरिष्ठ प्रबंधक पद से सेवानिवृत्त)रहा है। सामाजिक गतिविधि में आप लेखक और पत्रकार संगठन दिल्ली की बेंगलोर इकाई में उपाध्यक्ष हैं। इनकी लेखन विधा-पद्य है। प्रकाशन के तहत आपके खाते में ‘पसीने की महक’ (काव्य संग्रह -१९९८) सहित ‘भारत के कलमकार’ (साझा काव्य संग्रह) एवं ‘काव्य चेतना’ (साझा काव्य संग्रह) है। विविध पत्र-पत्रिकाओं में आपकी लेखनी को स्थान मिला है। प्राप्त सम्मान-पुरस्कार में मुंबई से लिटरेरी कर्नल(२०१९) है। ब्लॉग पर भी सक्रियता दिखाने वाले ‘मधुर’ की विशेष उपलब्धि-१९७५ में माउंट एवरेस्ट पर आरोहण(मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व) है। लेखनी का उद्देश्य-हिन्दी की साहित्य सेवा है। पसंदीदा लेखक-मुंशी प्रेमचंद है। इनके लिए प्रेरणापुंज-विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन(नागपुर)और साहित्य संगम, (बेंगलोर)है। एम.ए. (हिन्दी साहित्य), बी. एड.,आयुर्वेद रत्न और एल.एल.बी. शिक्षित डाॅ. मधुकर राव की विशेषज्ञता-हिन्दी निबंध की है। अखिल भारतीय स्तर पर अनेक पुरस्कार। देश और हिन्दी भाषा के प्रति विचार-
“हिन्दी है काश्मीर से कन्याकुमारी,
तक कामकाज की भाषा।
धड़कन है भारतीयों की हिन्दी,
कब बनेगी संविधान की राष्ट्रभाषा॥”

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