बाबूलाल शर्मा
सिकंदरा(राजस्थान)
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श्री गणेश चतुर्थी स्पर्धा विशेष…..

प्रथम नमन हे गणपति देवा,तुम सबसे प्यारे।
सकल सँवारो काज गजानन,हे देव हमारे।
शिव प्रिय प्रथम पूज्य हे प्रभुजी,गौरी के जाए।
एकदन्त करुणा के सागर,गणपति कहलाए।
मोदक मिसरी,पान पताशा,से भोग लगाऊँ।
विघ्न हरण हो सबसे पहले,मैं तुम्हें मनाऊँ।
तन के कष्ट सभी प्रभु हरना,मेरी मन पीरा।
सृजन करूँ नित मैं छंदों का,बिन रहे अधीरा।
मेरा सृजन बने सुन्दरतम,सबके हितकारी।
दूर करो संशय सब मेरे,प्रभु भाव विकारी।
पूजूँ प्रथम आपको प्रभुवर,मैं तुम्हें मनाऊँ।
वंदन हित हिय करूँ समर्पित,चौपाई गाऊँ।
विघ्न नही हो हे प्रभु लेखन,चरणों में आया।
चाहूँ नित सत्यार्थ सुलेखन,यही भाव लाया।
शिव सुत वंदन गौरी नंदन,हे जग के देवा।
गणपति करहुँ तुम्हारा वंदन,चरणों की सेवा।
रिद्धि सिद्धि के संग पधारो,हे मेरे दाता।
हे प्रभु मेरे लेख सुधारो,शरणागति आता।
गणनायक हे देव गणेशा,हे भव भयहारी।
सेवा तेरी करूँ हमेशा,मानस शुभकारी।
परिचय : बाबूलाल शर्मा का साहित्यिक उपनाम-बौहरा हैL आपकी जन्मतिथि-१ मई १९६९ तथा जन्म स्थान-सिकन्दरा (दौसा) हैL वर्तमान में सिकन्दरा में ही आपका आशियाना हैL राजस्थान राज्य के सिकन्दरा शहर से रिश्ता रखने वाले श्री शर्मा की शिक्षा-एम.ए. और बी.एड. हैL आपका कार्यक्षेत्र-अध्यापन(राजकीय सेवा) का हैL सामाजिक क्षेत्र में आप `बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ` अभियान एवं सामाजिक सुधार के लिए सक्रिय रहते हैंL लेखन विधा में कविता,कहानी तथा उपन्यास लिखते हैंL शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र में आपको पुरस्कृत किया गया हैL आपकी नजर में लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः हैL