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महाराणा प्रताप अमर अमिट योद्धा

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा(राजस्थान)
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‘महाराणा प्रताप और शौर्य’ स्पर्धा विशेष……….


उस हल्दी घाटी में आज चेतक का धाम है,
वीर शौर्य उस महाराणा प्रताप का नाम है।

रण के मैदान में घोड़ा चेतक निराला था,
शौर्य और पराक्रम का हाथों में भाला था।

वीरता से उसने मेवाड़ नाम बढ़ाया था,
उस चेतक ने भी राणा का साथ निभाया था।

सच्ची निष्ठा महाराणा प्रताप की पहचान,
इसलिए वो इतिहास में विश्व ख्याति था महान।

अमर अमिट सच्ची महाराणा की कहानी है,
उस योद्धा की ये धरती वो राजस्थानी है।

मेवाड़ को कभी नहीं होने दिया था गुलाम,
लड़ता रहा हमेशा वो मेवाड़ का संग्राम।

मानवता की गरिमा को सदा ही सजाया था,
मेवाड़ का सदा ही उसने मान बढ़ाया था।

उस महाराणा प्रताप पर है हमको अभिमान,
साहस की इस वीर भूमि का नाम है राजस्थान॥

परिचय–मोहित जागेटिया का जन्म ६ अक्तूबर १९९१ में ,सिदडियास में हुआ हैl वर्तमान में आपका बसेरा गांव सिडियास (जिला भीलवाड़ा, राजस्थान) हैl यही स्थाई पता भी है। स्नातक(कला)तक शिक्षित होकर व्यवसायी का कार्यक्षेत्र है। इनकी लेखन विधा-कविता,दोहे,मुक्तक है। इनकी रचनाओं का प्रकाशन-राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में जारी है। एक प्रतियोगिता में सांत्वना सम्मान-पत्र मिला है। मोहित जागेटिया ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-समाज की विसंगतियों को बताना और मिटाना है। रुचि-कविता लिखना है।