कुल पृष्ठ दर्शन : 243

वीरों में वीर महाराणा प्रताप

मनोरमा जोशी ‘मनु’ 
इंदौर(मध्यप्रदेश) 
****************************************************

‘महाराणा प्रताप और शौर्य’ स्पर्धा विशेष……….


वीरों में वीर महाराणा प्रताप,
बालपन से स्वाभिमानी थे
घास की रोटी खाने वाले,
वह योद्धा खुद्धारी थे।

बाईस हजार की सेना ने,
अस्सी हजार ललकारे थे
यूँ चपल वेग से चलते थे,
यमराज स्वयं बन जाते थे।

जब घोड़े चेतक पर चढ़ते,
क्षत-विक्षत दुश्मन हो जाते थे
नर मुंड हवा में उड़ते थे,
ऐसे महानतम योद्धा थे।

जिस लाल के गौरव जीवट पर,
माता उनकी मुस्काती थी
चौड़ी छाती उन्नत ललाट,
भाले से सज्जित रहते थे।

तलवार अगर लग जाए तो,
अम्बार लगाते शीशों का
सब छिन्न-भिन्न कर देते थे,
वे ऐसे वीर योद्धा थे।

चेतक की टाप पड़ते ही,
हल्दी घाटी पवित्र हो गयी
मेवाड़ की माटी धन्य हुई,
उनकी शौर्य वीर गाथा अमर
हो गई।

शत-शत नमन शौर्य को,
जो दुनिया को याद है।
अदभुत थे वो वीर,
वीरता पाठ पढ़ा गई॥

परिचय–श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर जिला स्थित विजय नगर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि १९ दिसम्बर १९५३ और जन्मस्थान नरसिंहगढ़ है। शिक्षा-स्नातकोत्तर और संगीत है। कार्यक्षेत्र-सामाजिक क्षेत्र-इन्दौर शहर ही है। लेखन विधा में कविता और लेख लिखती हैं।विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी लेखनी का प्रकाशन होता रहा है। राष्ट्रीय कीर्ति सम्मान सहित साहित्य शिरोमणि सम्मान और सुशीला देवी सम्मान प्रमुख रुप से आपको मिले हैं। उपलब्धि संगीत शिक्षक,मालवी नाटक में अभिनय और समाजसेवा करना है। आपके लेखन का उद्देश्य-हिंदी का प्रचार-प्रसार और जन कल्याण है।कार्यक्षेत्र इंदौर शहर है। आप सामाजिक क्षेत्र में विविध गतिविधियों में सक्रिय रहती हैं। एक काव्य संग्रह में आपकी रचना प्रकाशित हुई है।

Leave a Reply