ममता तिवारी
जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)
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अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष….
हिंदी समृद्ध भाषा है,हिंदी उन्नत भाषा है,
भाषा के गुण है सभी,करते क्यों रार है।
सभी भाषा है सुंदर,बोली प्रेम समुंदर,
सबमें रस मिठास,नहीं तकरार है।
संस्कृत की पुत्री हिंदी,सभी बहनों में बड़ी,
खट्टी-मीठी प्यारी-प्यारी,हमें अंगीकार है।
अंग्रेजी से नहीं उर्दू का नहीं है दोष,
जनता बोली हो एक,हिंदी ही स्वीकार है।
जिसे सिरमौर रखे,भाल तिलक-सी सजे,
अधिक जनता बोले,हिन्द गले हार है।
यद्यपि करे आपत्ति,है सनातन संस्कृति,
भाषा भारत भूमि के,वे खुद मुख्तार हैं।
आया है नया चलन,लिपि अंग्रेजी लेखन,
शब्द हिंदी के रहते,कॉन्वेंट जिम्मेदार है।
हिंदी शब्द हिंदी लिपि,आंग्ल ना कहती बुरी,
मोबाइल लेखकों ने,किया बंटाधार है॥
परिचय-ममता तिवारी का जन्म १अक्टूबर १९६८ को हुआ है। वर्तमान में आप छत्तीसगढ़ स्थित बी.डी. महन्त उपनगर (जिला जांजगीर-चाम्पा)में निवासरत हैं। हिन्दी भाषा का ज्ञान रखने वाली श्रीमती तिवारी एम.ए. तक शिक्षित होकर समाज में जिलाध्यक्ष हैं। इनकी लेखन विधा-काव्य(कविता ,छंद,ग़ज़ल) है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैं। पुरस्कार की बात की जाए तो प्रांतीय समाज सम्मेलन में सम्मान,ऑनलाइन स्पर्धाओं में प्रशस्ति-पत्र आदि हासिल किए हैं। ममता तिवारी की लेखनी का उद्देश्य अपने समय का सदुपयोग और लेखन शौक को पूरा करना है।