एस.के.कपूर ‘श्री हंस’
बरेली(उत्तरप्रदेश)
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गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष……….

आज विश्व के गौरव हम,सबसे बड़ा है लोकतंत्र,
हमारा संविधान ही सूत्र,माला में बांधें है गणतंत्रl
विभिन्न धर्मभाषा विविधता,में एकता है मन्त्र हमारा-
आज आत्म निर्भर भारत,महान कहलाता है ये तंत्र॥
नमन है उन शहीदों को जो,देश पर कुरबान हो गए,
वतन के लिए देकर जान,वो बे-जुबान हो गए।
उनके प्राणों की कीमत से,ही सुरक्षित है देश हमारा-
उठ कर जमीन से ऊपर,वो जैसे आसमान हो गए॥
राष्ट्र की हर सीमा पर,तिरंगा हमें लहराना है,
सम्पूर्ण संसार में शान्ति का,संदेश भी हमें फैलाना है।
प्रेम,न्याय,समता का है,इक विश्व दूत बनना हमको-
सोने की चिड़िया वाला,फिर से हिन्दुस्तान कहलाना है॥