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राम राज्य

मीरा जैन
उज्जैन(मध्यप्रदेश)

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दो देशों की सीमायें आपस मे लगी हुई थी,किंतु एक देश की जनता बेहद खुशहाल थी क्योंकि वहाँ का राजा बहुत दयालु और उदार थाl एक भी व्यक्ति को कोई कष्ट नहीं अन्न,जल,वस्त्र,मकान सब-कुछ हर कोई वहाँ के राजा की प्रशंसा करते नहीं थकता,वहीं दूसरे देश का राजा भी सहिष्णु व उदारवादी तो था किंतु अपेक्षाकृत खजाना व संसाधनों की कमी के कारण निर्धन थाl जनता को सहजता से कोई वस्तु उपलब्ध नहीं थी,अत:इस देश की तारीफ तो दूर कोई सैलानी आना तक पसंद नहीं करते थेl धीरे-धीरे वक्त बीतने लगा,और कुल वर्षों पश्चात गरीब देश भी अमीर,स्वस्थ और खुशहाल हो गयाl अब इस देश के राजा के भी प्रशंसा के डंके बजने लगे और देखते ही देखते पड़ौसी देश से काफी आगे निकल गयाl इतना ही नहीं,समृद्ध देश गरीबी की श्रेणी में आ गयाl इस परिवर्तन का कारण जानने के लिये शोधकर्ताओं का समूह दोनों देशों की पृष्ठभूमि,क्रिया-कलापों आदि का गहराई से अध्ययन तथा लोगों से वार्तालाप भी किया तो पाया कि जो देश पहले अमीर था,वहाँ के लोगों का कहना था-‘पहले हमारे राजा बहुत अच्छे थेl हम कुछ करें या ना करें हमारी मर्जी लेकिन राशन-पानी आदि सब-कुछ मुफ्त मिल जाता था,किंतु अब राजा ने हाथ खींच लिये हैंl’
दूसरे देश के लोगों ने उत्साह पूर्वक बताया कि-‘हमारे राजा बहुत ही अच्छे हैंl उन्होंने हमें मेहनत करना सिखायाl हमारे देश में एक रोटी भी कोई मुफ्त में खाना पसंद नहीं करता हैl’

परिचय-श्रीमति मीरा जैन का जन्म २ नवम्बर को जगदलपुर (बस्तर)छत्तीसगढ़ में हुआ है। शिक्षा-स्नातक है। आपकी १००० से अधिक रचनाएँ अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से व्यंग्य,लघुकथा व अन्य रचनाओं का प्रसारण भी हुआ है। प्रकाशित किताबों में-‘मीरा जैन की सौ लघुकथाएं (२००३)’ सहित ‘१०१ लघुकथाएं’ आदि हैं। इनकी विशेष उपलब्धि-वर्ष २०११ में ‘मीरा जैन की सौ लघुकथाएं’ हैं। आपकी पुस्तक पर विक्रम विश्वविद्यालय (उज्जैन) द्वारा शोध कार्य करवाया जा चुका है,तो अनेक भाषा में रचनाओं का अनुवाद एवं प्रकाशन हो भी चुका है। पुरस्कार में अंतर्राष्ट्रीय,राष्ट्रीय तथा राज्य स्तरीय कई पुरस्कार मिले हैं। प्राइड स्टोरी अवार्ड २०१४,वरिष्ठ लघुकथाकार साहित्य सम्मान २०१३ तथा हिंदी सेवा सम्मान २०१५ से भी सम्मानित किया गया है। २०१९ में भारत सरकार के विद्वानों की सूची में आपका नाम दर्ज है। श्रीमती जैन कई संस्थाओं से भी जुड़ी हुई हैं। बालिका-महिला सुरक्षा,उनका विकास,कन्या भ्रूण हत्या एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ आदि कई सामाजिक अभियानों में भी सतत संलग्न हैं।

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