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ताज वतन का रत्नजड़ा

अख्तर अली शाह `अनन्त`
नीमच (मध्यप्रदेश)

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जो चालीस वर्ष तक शिक्षक रहे,
ज्ञान का दान किया।
जग ने जिनको अजात शत्रु,
कहकर के सम्मान दियाll

देशभक्त थे पर सर कहकर,
जिन्हें नवाजा जाता था।
टेम्पलटन की शीर्ष उपाधि,
से भी जिनका नाता थाll

भारत रत्न भी उनके कदमों,
में नित गौरव पाता था।
राधा कृष्णन कर्मवीर को,
जन-जन शीश झुकाता थाll

शिक्षित करके सोच बदलना,
लक्ष्य यही हितकारी था।
एक बनें,पर नेक बनें सब,
मकसद ये अति भारी थाll

मानवतावादी पथ से ही,
चल ये मंजिल पाना था।
संविधान निर्माताओं को,
ये मसला सुलझाना थाll

धीर-वीर-गंभीर बने वे,
राजनीति अपनाई थी।
राष्ट्रपति बनकर के जिसने,
हर गुत्थी सुलझाई थीll

लेखक-शिक्षाविद भारत के,
दर्शन का विद्वान बड़ा।
उसको करें अनंत नमन जो,
ताज वतन का रत्न जड़ाll

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