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अब तक जवान होली है

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’
बरेली(उत्तरप्रदेश)
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प्रेम का निशान हमारी,पावन होली है,
भाईचारे की बोलती जुबान होली है।
रंगों की शीतल फुहार है यह होली-
हर दिल में घुलता,गुलाल होली है॥

प्यार का बढ़ता कारवां होली है,
गिरा दे जो नफरत की,दीवार होली है।
होली तो है दिलों से,दिलों का मिलाप-
कैसे मिटें दूरियाँ,जवाब इसका होली है॥

गुज़िया,भंग,तरंग नाम,इसका होली है,
रंगारंग रंगों का जमीं-आसमाँ होली है।
होली है हर फूल पत्ते,पर खिलता निखार-
बीत गई सदियां अब,तक जवान होली है॥

मिल मिलकर गले खूब,रंग लगाते हैं लोग,
हर क़दम पर खूब,होली जलाते हैं लोग।
मानेंगे नफरत की,दीवारें जलेंगी दहन में-
तभी लगेगा सच्ची होली,मनाते हैं लोग॥