कैसी ये लाचारी है ?
अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* शासन है पंगु आज,लोकतंत्र घायल है, स्वार्थ में ही लिप्त हुई चेतना हमारी है। एक ओर महामारी,एक ओर मारकाट, आम जिंदगी का एक-एक पल भारी है॥ राजनीति की तो बुनियाद ही बची नहीं, मजबूर सभ्यता सिसकती बिचारी है। हत्या खुलेआम संत-साधुओं की हो रही, मौन सरकारी तंत्र कैसी ये लाचारी है॥ … Read more