आन-मान-शान थे सुभाष जी

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** 'नेताजी' अवतरण दिवस विशेष.... जनम-मरण,सब देश के लिए ही रहा,भारती की आन-मान-शान थे सुभाष जी।तीव्र बुद्धि,दिव्य भाव,शौर्य के प्रतीक रहे,मातृ भूमि के स्वाभिमान थे सुभाष जी॥ देश…

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हिंदी और राष्ट्र भाषा

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** महाभारत में एक प्रसंग आता है-युधिष्ठिर से यक्ष ने पूछा कि,-'एक सुखी और समृद्ध राष्ट्र की क्या विशेषताएं होती हैं ?'इस पर युधिष्ठिर ने बताया कि-'जिसकी सीमाएं…

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शुद्ध-सात्विक भोजन लें हम

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** जग में व्याप्त कुपोषण की,स्थिति कर देती विचलित है।आठ अरब जनसंख्या में से,अस्सी कोटि प्रभावित हैं॥ तन में,मन में,बुद्धि-चित्त में,पड़ी कुपोषण की छाया।बुद्धि-भ्रमित,तन-कृश,मन-दूषित,चित्त सभी का बौराया॥ चंद्र…

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सभी नागरिक एक बराबर

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** ईश्वर ने एकात्म दृष्टि से,मानव का निर्माण कियासभी जनों को एक भाव से,ही सारा अनुदान दिया। हवा चल रही सदा-सदा से,सबको वह मिल जाती हैकोई बोए,कोई काटे,धरती…

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माँ दुर्गा स्तुति

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** जय मंगल मयि, मंगल कारिणि,जय जगदम्बे,जय जग तारिणि।लीला ललित-अमित विस्तारिणि,असुर विनासनि,जय दुःख हारिणि।शोक निकंदनि,जय सुख कारिणि,सौम्य-सुधा सर्वत्र प्रसारिणि॥मोह-रात्रि,दारुण-दुःख हारिणि,जय जगदम्बे, जय जग तारिणि।जय करुणामयि,जय भय हारिणि,जय जगजननी,जय…

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खतरा है गद्दारों से

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** मंदिर से न मस्जिद से,गिरिजा घर न गुरूद्वारों से।खतरा तो है हमें साथियों,छिपे हुए गद्दारों से। अपने बन कर अपनों ने,अपनो पर रंग जमाया है।अपना लहू बगावत…

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फांसी जरूरी

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** कानूनी हथकड़ियों को अब,और कड़ा करना होगा…आतंकी,नक्सलियों को अब,तड़प-तड़प मरना होगा।पागल कुत्ते,हिरण,भेड़िए,की हत्या मजबूरी है।देश,समाज,व्यक्ति की खातिर,फांसी इन्हें जरूरी है॥ परिचय-प्रख्यात कवि,वक्ता,गायत्री साधक,ज्योतिषी और समाजसेवी `एस्ट्रो अमल`…

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समानता,स्वतंत्रता और स्वछंदता में अंतर समझना अति आवश्यक

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** कुदरत ने यह सृष्टि नर और मादा से निर्मित की है,दोनों के अधिकार और कर्तव्य एक-दूसरे के पूरक और बराबर हैं। नर-नारी दोनों एक-दूसरे के बिना अधूरे…

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महके ओ हमजोली

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** लगाए जख्म में मरहम,वही होती मधुर बोली।हँसाती,गुदगुदाती,छेड़ती,महके ओ हमजोली॥यूँ तो जीवन हुआ पतझड़,और काँटों भरी राहें।अगर मधुमास दिख जाए,तो समझो आ गई होली॥ परिचय-प्रख्यात कवि,वक्ता,गायत्री साधक,ज्योतिषी और…

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बसंत

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** मिटाए वेदना चित की,उसे हम संत कहते हैं।कला जीने की सिखलाए,उसे सदग्रंथ कहते हैं॥कहीं पतझड़,कहीं मधुवन,ये तो बस ऋतु प्रवर्तन है,जान मुर्दे में जो फूंके,उसे बसंत कहते…

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