लड़ाई है ये मानवता के हक की
तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* बन कर सिपाही, लड़ाई है ये लड़नी। अपने घरों से अपनी स्वेच्छा से, समय की विकट परिस्थिति को समझो। हमें एक होकर, इस कठिन घड़ी में बरतना है संयम। जुटानी है हिम्मत, अगर जरा-सी जो हो गयी ग़फ़लत, चुकानी पड़ेगी बहुत भारी क़ीमत। नहीं कैद, प्रेम का बन्धन समझना, न … Read more