कर्म बड़ा या भाग्य!

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ******************************************* कर्म के बिना,न कभी भाग्यउदय हुआ,न भाग्य भरोसेकभी किसी से,कोई कर्म हुआ।जो भाग्य के भरोसे,हाथ पर हाथ धरेबैठ रहे,भाग्य उनकेहाथों से,फ़िसल गया।भाग्य भी,उन्हीं कासाथ देता है,जो कर्म…

0 Comments

याद आता है मुझे…

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* देखकर दूरक्षितिज पर मिलता,मुस्कराती शाम सेढलता दिन।याद आता है मुझेउनसे वो पहला मिलन। कड़कती बिजलियों सेमेरा वो डर जाना,बरसते सावन कीबौछारों की मिट्ठी छुअन।याद आता है मुझे,उनसे…

0 Comments

शहीद हुआ बेटा

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* स्वतंत्रता दिवस विशेष …….. सरहद से ये ख़बर है आयी,शहीद हुआ,तेरा बेटा माई। ह्रदय माँ वज्रपात हो गयारोया दिल आँख भर आयी,फिर भी गर्व से वो मुस्कराईसरहद…

0 Comments

अपनी बहना को न भुलाना तुम

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* रक्षाबंधन पर्व विशेष……….. कच्चे धागों कापक्का बन्धन,पर्व है येरक्षाबंधन।बांधी है,भाई कीकलाई पे,बहना नेप्यार और,विश्वास कीमज़बूत डोर।अंतर्मन कीगहराइयों से,निकलती हैंलाख दुआएं,युग-युग जिएमेरा प्यारा बीर।एक हीआँगन में तो,खेले हैं…

0 Comments

बारिश का मौसम

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* बारिश का,मौसम आया हैबूंदों ने गीतसुनाया है।रिमझिम का,नाद सुनाती हैसाजन की,याद दिलाती हैlज़ालिम ने,बड़ा सताया हैबारिश का,मौसम आया है।धुल गए हैं चेहरे,फूलों केदिन आ गए हैं,झूलों के,ये…

0 Comments

मन का विश्वास

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* क्या बहुतक़ीमती था वो ?जिसके लिए,तुमनें अनमोलजीवन त्याग दिया।आख़िर क्या था वो ?नाम,रुतबा,दौलत!या फ़िरकोई हसीना,विचार तोकिया होता,क्या तुम्हारेमरने से ये सबतुम्हें हासिलहो जाएगा ?एक बार तोजाकर पूछा…

0 Comments

स्वतंत्रता की वेदी का अंगारा रहे महाराणा

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* ‘महाराणा प्रताप और शौर्य’ स्पर्धा विशेष………. बप्पा रावल,महाराणा कुम्भा,राणा सांगा जैसे महान सूरमाओं के राजवंश से थे महाराणा उदयसिंह। पन्ना धाय ने अपने पुत्र चन्दन…

0 Comments

ख़ालीपन

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* कैसा बरपा, कहर वबा का ? सूना शहर, सड़कें ख़ाली हैं। हालत बुरी मुफ़लिसों की देखो, ख़ाली पेट और ज़ेब ख़ाली है। ख़ाली दिन है…

0 Comments

संवेदनहीन मानव

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* सुन्न-सा हो गया है आज मानव, सम्वेदनाओं को मार गया है लकवा। मृतप्रायः सी हो गयी है भावनाएं, न आभास है फूलों की महक का,…

0 Comments

निर्धारित है

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* संसार में, मेरे चाहने न चाहने से, कुछ नहीं होता। मैंने नहीं चाहा, द्रौपदी का चीर हरण हो पर हुआ। क्या मैंने चाहा था, सीता…

0 Comments