मुनासिब है

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’ छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************  साहिल की अहमियत को मझधार मुनासिब है, मझधार में हिम्मत की पतवार मुनासिब है। ख़ुशबू के लिए मसला जाता हो अगर गुल को, गुल के लिए गुलशन में ये ख़ार मुनासिब है। है सब्र बड़ी नेमत तस्लीम मुझे लेकिन, गर आन पे बन आए हुंकार मुनासिब है। … Read more