बेटी
आकांक्षा चचरा ‘रूपा’कटक(ओडिशा)**************************************** बेटियों की मुस्कुराहटों ने,कई राज खोल दिए,चुप रहे अल्फाजों से आँखों की नमी ने,दर्द के तमाम राज बयान कर दिए।पढ़ने दो-लिखने दो मेरे पंखों को,उड़ान पर साक्षर होने का प्रमाण दोमैं सब कर सकूँ,मुझ पर विश्वास की छाप दो।मेरे तजुर्बे ने मुझे नाकामयाबी का,नकाब उतारना सिखा दियाजब से पता चली जमाने को,उड़ान … Read more