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सबके भाग्य विधाता तुम

आकांक्षा चौधरी,
झुंझुनूं(राजस्थान)
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श्री गणेश चतुर्थी स्पर्धा विशेष…..


यह केवल त्योहार नहीं जनमानस का,
यह तो पर्व है आज और उल्लास का
कोई मनाए उत्सव तो कोई करे स्थापन,
हे विघ्नहर्ता तुम सदैव मनभावनl

रिद्धि-सिद्धि के दाता तुम,
सबके भाग्य विधाता तुम
सब काम तुमसे पूर्ण हो पाता,
तुम्हारे द्वार से खाली हाथ न कोई जाताl

शिव तुम्हारे पिता गोरी तुम्हारी माता,
मोदक मिष्ठान का भोग जन-जन तुम्हें लगाता
बुध के स्वामी तुम बुद्धि में अग्रणी कहलाते,
माता-पिता के काट चक्कर परिक्रमा पूर्ण कर आतेl

शुभ-मंगल कार्य में सब तुम्हें बुलाते,
तुम्हारे क्रोध से जन-जन कतरातेl
देवों में तुम प्रथम देव कहलाते,
जब भी गणेश चतुर्थी आए,बड़े चाव से हम इसे मनातेll

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