बारिश का बचपन

अमृता सिंहइंदौर (मध्यप्रदेश)************************************************ बचपन हमारा ऐसा था,हम भीगते थे बारिश मेंचेहरे कीचड़ रंग देता था,गीली चप्पल गीले कपड़े।खुशबू गीली मिट्टी की,गीली चौखट गीला आँगनगीले बदन से टप-टप करता,एक समंदर ऐसा था।बिजली का वो जाना,देख झरोखे से चिल्लानाबरसते बादल चमकती बिजली,बारिश का वो मौसम ऐसा था।नाव चलाना पानी में,अनोखी ख़ुशी वो देता थाछप-छप करके पानी में,सर्दी … Read more

तन्हा हूँ मैं

अमृता ‘अमृत’ शिकोहपुर (उत्तरप्रदेश) ******************************************************************************** तन्हा मैं हूँ,तन्हा तुम हो, तन्हाई से फिर क्या डरना प्रीत नहीं जब प्रीत से ही, जग रीत से फिर क्या डरना।     जीवनभर का,कोई मेल नहीं, अब तो तू हाथ मिला तेरे जख्मों का मेरे जख्मों से, मिलकर मरहम-सा बना दिल टूट गया,जब पहले ही, दिल टूटने से … Read more