अमृता सिंह
इंदौर (मध्यप्रदेश)
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बचपन हमारा ऐसा था,
हम भीगते थे बारिश में
चेहरे कीचड़ रंग देता था,
गीली चप्पल गीले कपड़े।
खुशबू गीली मिट्टी की,
गीली चौखट गीला आँगन
गीले बदन से टप-टप करता,
एक समंदर ऐसा था।
बिजली का वो जाना,
देख झरोखे से चिल्लाना
बरसते बादल चमकती बिजली,
बारिश का वो मौसम ऐसा था।
नाव चलाना पानी में,
अनोखी ख़ुशी वो देता था
छप-छप करके पानी में,
सर्दी लगना अच्छा था।
दौड़-दौड़ के बूँद पकड़ना,
जैसे बादल अपना था।
फिर आया वो बादल आज,
लाया है वो सावन साथ…।
आवाज़ लगाती सौंधी खुशबू,
गुज़र रहे क्यों सालों-साल।
तोड़ बंदिशें इस जीवन की,
फिर भिगो ले तन-मन आज॥
परिचय–अमृता सिंह के अवतरण की तारीख २२ मार्च एवं जन्म स्थान-इंदौर (मध्यप्रदेश) है। शिक्षा-बी.कॉम. सहित अंग्रेजी में स्नात्तकोत्तर,बी.एड. किया है। इनकी रुचि-सामाजिक कार्य,पर्यटन और कार्यक्रम प्रबन्धन में है। वर्तमान में आपका निवास इंदौर में ही है। संप्रति से आप इंदौर में निजी विद्यालय में शिक्षक हैं।