बेटा है द्वार तरक्की का
अख्तर अली शाह `अनन्त` नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** बेटा है द्वार तरक्की का, मधुऋतु है ये मधुशाला है। जो जीवन करता आनंदित, बेटा फूलों की माला हैll है स्वर्ण भरा घट बेटा तो, वृद्धावस्था की लाठी है। संबल घर का जो पल-पल का, सुख-सपनों का सहपाठी हैll बोझा घर का जो ढोता है, विचलित जो तनिक … Read more