‘कोरोना’ को भगाएँ

आशा जाकड़ ‘ मंजरी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *********************************************************** आओ हम सब धैर्य-संयम से 'कोरोना' भगाएँ, गले नहीं मिलेंगे,हम हाथ नहीं मिलाएँ। हाथ जोड़ के करें नमस्ते,हँस के मुस्कराएं, अपनी पुरानी संस्कृति को…

Comments Off on ‘कोरोना’ को भगाएँ

प्रभुजी,किनारा कीजे

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* विपदा घडी़ है जीवन का ह्रास, आशीष मिले हो जीवन भरपूर हाथ जोडे़ सदा कृपा ही कीजे, प्रभुजी कोविद महामारी का किनारा कीजे।…

Comments Off on प्रभुजी,किनारा कीजे

नानी

आशा जाकड़ ‘ मंजरी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *********************************************************** ग्रीष्मावकाश, नानी की याद आयी... मस्ती के पास। नानी के घर, जाने का इन्तजार... करता मन। नानी का गाँव, मस्ती की पाठशाला... प्यार की…

Comments Off on नानी

सतरंगी गुलाल

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* उड़े गुलाल, रंग हुआ लाल... पीली सरसों, नारंगी पलाश... भूले मलाल, भूले मलाल... आज ख़ुशी विशाल, उड़े गुलाल... रंग हुआ लाल..। मदमस्त हुआ…

Comments Off on सतरंगी गुलाल

सिसक रहे होली के रंग

आशा जाकड़ ‘ मंजरी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *********************************************************** सिसक रहे आज होली के रंग, महंगाई ने कर दिया रंग बदरंग। लाल रंग अब लहू बन के बह रहा, पीत वर्ण कायर बन…

Comments Off on सिसक रहे होली के रंग

खुशियों के रंग

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* खुशियों के रंग अनेक तितली-सी होती रंगीन, चुलबुली अभी रहती और फुर्र उड़ती चलीl ममता के हिंडोले में, चमकती खूब ये नयनों की…

Comments Off on खुशियों के रंग

शान्ति का परचम लहराना है

आशा जाकड़ ‘ मंजरी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *********************************************************** हमें धरा पर शान्ति का परचम् लहराना है, स्वार्थ को दूर भगा इसे स्वर्ग बनाना है। खून के रिश्ते सिसक रहे, रिश्तों में आ…

Comments Off on शान्ति का परचम लहराना है

कहो प्रिया लिख दूँ…!

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* लिख दूँ मैं जो हवाओं के संग, फिजाओं के लहराते आँचल पर भौरों के गुंजन संग, कलियों के अधरों परl धड़कते सीने के,…

Comments Off on कहो प्रिया लिख दूँ…!

लापता है सूरज

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात )  **************************************************************** दर्ज हो रहे हैं रोड़े,पत्थर,ईंटें, क़ालिक के भीतर। रक्त पंजे, संदर्भों को खरोंचते हुए। नींद में प्रवेश कर चुकीं हैं, अदृश्य धारें। बारीक,…

Comments Off on लापता है सूरज

गणतंत्र दिवस मनाएं

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* स्वतंत्र भारत का उत्तम संविधान, गण औ तंत्र का सुंदर विवरण छब्बीस जनवरी को दिया मान, तंत्र है वो विधिवत संचालन इसका अर्थ…

Comments Off on गणतंत्र दिवस मनाएं