कुल पृष्ठ दर्शन : 347

‘कोरोना’ को भगाएँ

आशा जाकड़ ‘ मंजरी’
इन्दौर(मध्यप्रदेश)
***********************************************************
आओ हम सब धैर्य-संयम से ‘कोरोना’ भगाएँ,
गले नहीं मिलेंगे,हम हाथ नहीं मिलाएँ।

हाथ जोड़ के करें नमस्ते,हँस के मुस्कराएं,
अपनी पुरानी संस्कृति को फिर से अपनाएँ।

साफ-सफाई हम रखेंगे,हाथ खूब धोएँगे,
भीड़-भाड़ से दूर रहेंगे,साथ नहीं बैठेंगें।

एकान्त में विचरण कर शुद्ध हवा अपनाएँ,
कॉलेज-ऑफिस बंद हो गए,घर से काम करेंगे।

आना-जाना बंद हुआ है,घर विश्राम करेंगे,
घर पर रहकर बच्चों को गीता ज्ञान सिखाएं॥

परिचय-श्रीमती आशा जाकड़ का उपनाम मंजरी है।आपका जन्मस्थल उत्तरप्रदेश का शिकोहाबाद है। कार्यक्षेत्र इन्दौर(म.प्र.)होने से इंदौर में ही निवास है। आपकी शिक्षा एम.ए.(हिंदी,समाज शास्त्र) और बी.एड.है। कार्यक्षेत्र-अध्यापन (३५ वर्ष) है, जिसमें २८ वर्ष तक इन्दौर में ही आपने अध्यापन कराया है। आपको मिले सम्मान में सरल अलंकरण,माहेश्वरी सम्मान,रंजन कलश सहित साहित्यमणि श्री (बालाघाट),कृति कुसुम सम्मान इन्दौर,शब्द प्रवाह साहित्य सम्मान (उज्जैन), श्री महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान(शिलांग),साहित्य रत्न,राष्ट्रीय गौरव सम्मान (मानद उपाधि) और पूर्णोपमाश्री सम्मान-२०१७ आदि विशेष हैं। सेवानिवृत्ति के बाद आपके काव्य संग्रह-‘राष्ट्र को नमन’, कहानी संग्रह-‘अनुत्तरित प्रश्न’ और ‘नए पंखों की उड़ान’ प्रकाशित हुए हैं। आशा जी बचपन से ही गीत, कविता,नाटक, कहानियां,गजल आदि के लेखन में सक्रिय हैं तो, काव्य गोष्ठियों और आकाशवाणी से भी पाठ करती हैं। सामाजिक गतिविधि में आप अध्यापन नि:शुल्क अध्यापन और महिलाओं के लिए कार्यक्रम करती हैं। आपकी लेखन विधा-गीत, ग़ज़ल,कविता,कहानी तथा आलेख आदि हैं। विशेष उपलब्धि -बेटी बचाओ सम्मान प्राप्त करना तथा एक साहित्यिक संस्था की अध्यक्षा भी रही है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-हिन्दी भाषा का प्रचार करना है। आपकी रचनाएं विविध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं। आशा जी कई  प्रमुख संस्थाओं और हित कार्य करने वाली संस्थाओं से जुड़ी हुई हैं।

Leave a Reply