हिंदी

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** नहीं मात्र भाषा बस हिन्दी,यह माँ की शुचि बोली है, वैज्ञानिक स्वर व्यंजन सज्जित,सुर सप्तक रंगोली है। शब्दकोष उपभाषा बोली,आँचल में रख हरसाती- वाणी यह…

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मान मेरा कहा,घर से बाहर न जा

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** हादसों का शहर है,न जाओ सजन, अब तो घर में समय को बिताओ सजन। वायरस मौत बनकर रही घूमती, हाथ उससे नहीं तुम मिलाओ सजन।…

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वो

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** मुझे मालूम है कंधे से उठ,सर पर चढ़ेगा वो, मगर खुश हूँ कि है मेरा लहू,मुझसे बढ़ेगा वो। तुम्हें तख़लीफ़ क्यों होती,बताओ देखकर झुकते, पढ़ाया…

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घातक ‘कोरोना’:सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टिकोण

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** चीन की वुहान-भूमि से उपजा 'नॉवेल कोरोना' विषाणु आज दुनिया के लिए मृत्यु का पर्याय बन गया है। वुहान शहर मृतप्राय पड़ा है। स्पेन,इटली और…

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बोलो क्यों मुझको मार दिया ?

अवधेश कुमार मिश्र ‘रजत’ वाराणसी(उत्तरप्रदेश) **************************************************************************** सात वर्ष और चार माह से जिसकी उसे प्रतीक्षा थी, न्याय व्यवस्था की खातिर भी ये तो अग्नि परीक्षा थी। दुष्ट भेड़ियों की फाँसी…

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रखा आत्मा को जिंदा

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** खून सने हाथों से मैं भी अगर रोटियाँ खा लेता, नोटों की बारिश हो जाती अगर भाट बन गा लेताl लाख सहा दुख मैंने लेकिन…

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सखे

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** जोड़ो न नेह की डोर सखे, दुनिया का हृदय कठोर सखे। जग तेरे भाव न बूझेगा, घातक सवाल सौ पूछेगा। इल्ज़ाम लगाएगा हम पर, नज़रों…

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जन विहीन जनतन्त्र

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** माता सरिस प्रकृति, सूरज,तारे,चाँद बन कर बारिश,शीत,तूफान बन कर, दिन-रात अनवरत रहती है आप-पास, उनके,जो आज भी प्रकृति की गोद में, गुजर-बसर करते हैं। संसद…

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गणतंत्र के सात दशक

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** `परिवर्तन का जोश भरा था,कुर्बानी के तेवर में। सब कुछ हमने लुटा दिया था,आजादी के जेवर मेंll` हम खुशनसीब हैं कि इस वर्ष २६ जनवरी…

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चल रे! मतदान करें

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** देशप्रेम को आगे रख- सबका आह्वान करें, चल रे! मतदान करें। लोकतन्त्र में हाथ बँटा- मत का सम्मान करें, चल रे! मतदान करें। महापर्व के…

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