कोशिश करनी होगी,आ जाएँगे राम

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************************ युग आएंगे युग जाएंगे,श्याम आएंगे राम जाएंगे,बस रावण ही अमर रहेगा,अब वो घर-घर रहेगा।अब वो ज्यादा निडर रहेगा,पहले से मुखर रहेगा,नित नए रूपों में रहेगा,हममें और तुम में दिखेगा।कभी दिखेगा वो लालच में,कभी झूठ जैसे सच में,कभी फरेब और स्वार्थ में,तो कभी झूठे परमार्थ में।कभी बेटियों को लूटेगा,नन्हीं कलियों पर … Read more

मेरे राम

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************************ युगों-युगों से शीर्ष पुरुष हो,मर्यादाओं के भरे कलश होजीवन के पावन संस्कार हो,करुणा की अविरल धार हो।प्राणों का तुम एक नाम हो,हाँ,तुम ही बस मेरे राम हो…॥ हैं तुम्हीं में सारे तीर्थ समाते,चारों धाम तुम्हीं तक आतेनदियाँ सारी चरण चूमतीं,सागर की लहरें हैं झूमतीजीवन का तुम विश्राम हो।हाँ,तुम ही बस … Read more

एक माँ की व्यथा बेटे से

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************************ बढ़ती हुई इस उम्र से होती नहीं तक़लीफ़,जब हाल पूछते नहीं तो फिर दर्द होता है।सोती हूँ गहरी नींद मैं तो सारी रातभर,तुम बोलते नहीं जब तो फिर दर्द होता है॥ खाती हूँ मैं खाना और लगती है भूख भी,खाने को पूछते नहीं तो फिर दर्द होता है।वैसे तो सारा … Read more

भैया अब मत और रुलाओ

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************************ रचना शिल्प: करुण रस कितने सुंदर फूल खिल रहे,कली से भौंरे गले मिल रहेlतितली भी कैसे मंडराती,कोयल कैसे गीत सुनातीlपर मुझको ये नहीं है भाता,मुझको भाई है याद आताl कितना हम खेला करते थे,दूर-दूर दौड़ा करते थेlमैं छूती और तुम भागते,गिरते-पड़ते और मारतेlअब मैं कैसे दौड़ लगाऊं,किसके साथ खेलने जाऊंl … Read more