देख रहे पंडालों में

बिनोद कुमार महतो ‘हंसौड़ा’ दरभंगा(बिहार) ********************************************************************* हृदय के दुर्गा को न देखे, देख रहे पंडालों में। चकाचौंध का महिषासुर ही, अब मस्तिष्क के खालों में। लौह पुरुष के स्टेच्यू पर, आज फब्तियाँ कसते जो। करोड़ों के पंडाल खड़ा कर, चंदे सब पर कसते वोll ध्यान धर्म की जगह दिखावा, देख आह कंगालों में। हृदय के … Read more

कलयुग

बिनोद कुमार महतो ‘हंसौड़ा’ दरभंगा(बिहार) ********************************************************************* (रचनाशिल्प:३ चौकल+लघु गुरु। सम पाद मात्रिक छंद। प्रति चरण में १५ मात्राएँ।) झूठे वादे मिलता ताज। कैसे सपने देखे आज॥ सच्चा धक्के खाता जाय। लोभी कामी आदर पाय॥ भूले सारे अपना धर्म। ऐसे दिखते सबके कर्म॥ जिनमें अवगुण दीखे खान। पाना चाहे हरदम मान॥ परिचय : बिनोद कुमार महतो का उपनाम … Read more

चन्द्रयान-दो

बिनोद कुमार महतो ‘हंसौड़ा’ दरभंगा(बिहार) ********************************************************************* भेजा है फिर चाँद पर,’इसरो’ ने चन्द्रयान। दुनिया में भारत बना,चौथा देश महान॥ चौथा देश महान,इसकी लागत न ज्यादा। औरों की क्या बात,यहाँ आधे से आधा॥ कह ‘बिनोद’ कविराय,हर्षित हुआ कलेजा। इसरो पर है गर्व,चाँद पर इसको भेजा॥ परिचय : बिनोद कुमार महतो का उपनाम ‘हंसौड़ा’ है। आपका जन्म १८ जनवरी … Read more

सबक सिखा दो…

बिनोद कुमार महतो ‘हंसौड़ा’ दरभंगा(बिहार) ********************************************************************* कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष………. आतंकवादियों को भेज सदा, तंग करता रहता पाकिस्तान। घुसपैठियों को सबक सिखा दो, ऐ भारत के वीर जवान। आपस में हो भाईचारा,नहीं किसी से कोई क्लेशl अटल बिहारी गए लाहौर को,लेकर शांति का संदेशll मगर शरीफ न रहे सरीफ,स्वार्थ के वृक्ष को रोप दिया। … Read more

कहते पागल हैं

बिनोद कुमार महतो ‘हंसौड़ा’ दरभंगा(बिहार) ********************************************************************* (रचनाशिल्प:बहर २१२२ २२२२ २२) सत्य बोलूँ तो कहते पागल है, झूठ बोलूँ तो कहते पागल है। बात इतनी ही तो अब सब बोले, जो न बोलूँ तो कहते पागल हैll काम करता हूँ मन से तब कहते, काम के पीछे तो वह पागल है। बैठ घर में यूँ ही … Read more

बोले जो सच बोल

बिनोद कुमार महतो ‘हंसौड़ा’ दरभंगा(बिहार) ********************************************************************* बुराई की जड़ जाने,इच्छा भ्रम व द्वेष। जो इससे बचकर रहे,कष्ट न होता लेश॥ चुप हो कर्म करे सदा,व्यर्थ न करे विवाद। भले आज जो कोसते,कल फिर देंगे दाद॥ भय जिनको होता नहीं,होता है मन शुद्ध। राही जो परमार्थ के,वो ही बनते बुद्ध॥ दमन बुराई का करे,बोले जो सच … Read more

धरा को बचाएं मिल

बिनोद कुमार महतो ‘हंसौड़ा’ दरभंगा(बिहार) ********************************************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… (रचना शिल्प:८,८,८,७ वर्ण प्रति चरण) धीरे-धीरे अब धरा,हो रही है अधमरी। प्रदूषण काल बना,करता विनाश है॥ जल का अभाव सदा,कचरा बहाव सदा। रासायनिक खाद से,बनती वो लाश है॥ कुँआ न तालाब दिखे,खेत-खलिहान सूखे। प्रकृति में पेड़ का तो,जैसे उपहास है। कराह रही है धरा,सोचिये … Read more

श्रद्धांजलि

बिनोद कुमार महतो ‘हंसौड़ा’ दरभंगा(बिहार) ********************************************************************* फाँसी पर हँसकर चढ़े,भगत सुखदेव राज। तीनों ने ऊँचा किया,भारत माँ का ताज। भारत माँ का ताज,वतन पर प्रण थे धारे। जाओ अपना देश,नहीं अब काम तुम्हारे। कह ‘बिनोद कविराय’ ,दुखी थे भारतवासी। सदा रखेंगे याद,शहीदों की ये फाँसी। परिचय : बिनोद कुमार महतो का उपनाम ‘हंसौड़ा’ है। आपका जन्म १८ … Read more

होली

बिनोद कुमार महतो ‘हंसौड़ा’ दरभंगा(बिहार) ********************************************************************* होली ऐसा पर्व है,लाये हर्ष अपार। चाहे राजा-रंक हो,सबमें दिखता प्यार। सबमें दिखता प्यार,गाँव परदेशी आते। नया-नया पकवान,सभी हैं मिलकर खाते। कह बिनोद कविराय,दिखे सबकी ही टोली। डाले रंग-गुलाल,बुरा मत मानो होली। परिचय : बिनोद कुमार महतो का उपनाम ‘हंसौड़ा’ है। आपका जन्म १८ जनवरी १९६९ में महावीर चौक, निर्मली(सुपौल)का है। … Read more