रात भर
रेखा बोरालखनऊ (उत्तर प्रदेश)********************************* काव्य संग्रह हम और तुम से रात भर,सरगोशी करती हैतुम्हारी आवाज़कानों में मेरे,अधूरी नींद से चौंक करउठकर बैठ जाती हूँ मैं,यूँ लगा अभी-अभीतुम्हारा सायाझुका था मुझ पर,धीरे से चूमा था तुमनेमेरी पेशानी को,तुम्हारे बदन की खुशबूबिखर गयी है,मेरे चारों ओरभीग गयी हूँ मैं,उस भीनी खुशबू सेतुम्हें ख़यालों में साथ लेकर,निकल जाती … Read more