होली का हुड़दंग

छगन लाल गर्ग “विज्ञ” आबू रोड (राजस्थान) **************************************************************************** नशे में नैन कजरारे,कहें होली सुहानी हैंl बड़ी इठला रही देखो,अभी निखरी जवानी हैंl चलो रंगीन हो जाये,मजे में चूर हो जायेl घुली है भांग ठंडे में,जरा मदहोश हो जायेll अभी खामोश पिचकारी,भरी बंदूक-सी लागेl जरा से पास आओ ना,हमारी धड़कनें जागेl जमाना भांग का आया,नशे में … Read more

कवि डॉ. गर्ग ‘विज्ञ’ को दिया ‘नीलकंठ’ सम्मान

दिल्ली। साहित्य संगम संस्थान(नई दिल्ली) द्वारा शिवरात्रि के पर्व पर आनलाइन काव्य गोष्ठी की किया गई,जिसमें भक्त कवियों द्वारा शिव महिमा पर काव्य पाठ किया गया। इस दौरान अनेक कवियों के साथ डॉ.छगनलाल गर्ग ‘विज्ञ’ (जीरावल,सिरोही,राजस्थान) को ‘नीलकंठ सम्मान’ से सम्मानित किया गया।

डॉ.गर्ग ‘विज्ञ’ सम्मानित

सिरोही। राजस्थान पेन्शनर्स समाज,रेवदर,सिरोही (राजस्थान) का स्नेह मिलन एवं सम्मान समारोह तहसील परिसर रेवदर में हुआ। समारोह में साहित्यकार डॉ. छगन लाल गर्ग ‘विज्ञ’ (जीरावल,सिरोही,राजस्थान) को साहित्य संगम संस्थान( नई दिल्ली) द्वारा ‘विद्या वाचस्पति’ की मानद उपाधि मिलने पर उन्हें सम्मानित किया गया।

नव वर्ष

छगन लाल गर्ग “विज्ञ” आबू रोड (राजस्थान) **************************************************************************** (रचना शिल्प:विधान-३० मात्रा, १६, १४ पर यति। कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत। अंत में वर्णिक भार २,२,२) बीत रही तिमिर घिरी रैना,नव वर्ष प्रभा फैली है। द्वार उदयगिरि रोशन आभा,खिली रश्मि अलबेली है। विगत दिनों की भूल चूक को,अरुणोदय में देखा है। तम से मिली … Read more