कड़वी चाय
डॉ.चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’ रोहतक (हरियाणा) ******************************************************* “ये फौजी साहब भी महान हैं,इन्हीं के भरोसे हम सब चैन की नींद सोते हैं।” लोकल ट्रेन की सीट पर ताश बांटते हुए रमेश ने कृतज्ञता प्रकट की। “अरे बांट ना यार ताश!” बीच में टोकते हुए खेल के प्रतिभागी नवीन ने कहा। बेचारा फौजी सामान के साथ चुपचाप … Read more