कर दिए गाल लाल-लाल

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)************************************ आई है रंगीन होली झूम-झूम के,सभी परदेसी पिया को संग ले के। आए हैं मेरे परदेसी पिया होली में,पहनूंगी पीली चुनर आज होली में। देखो फिर से आ गई,रंगीन होली,पिया बिन थी मेरी,गमगीन होली। सखी मेरे पिया खेलेंगे खुब होली,संग में खेलते हैं उनके हमजोली। पिया लेकर के लाल-लाल गुलाल,कर दिए … Read more

रंग भरी होली

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)************************************ फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… आज देवनगरी में राधेश्याम देखो खेल रहे हैं होली,सभी मित्रों सखा को संग में,लेकर मना रहे हैं होली। राधा खेली रुक्मिणी खेली,खेली सब सखी सहेली,मधुर गीत झूम के गाएँ,हँस-हँस कर मनाएं होली। चुपके-चुपके जाए,पिचकारी भर के कान्हा जी लाए,रंग के बहाने कान्हा,राधा रानी को अंग … Read more

कितने ही लोग हैं बेखबर

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)************************************ आ गया है अब,लेकर अखबार,अब मिल जाएंगे सभी समाचार। अपने देश के हर कोने-कोने में,कौन-कौन हैं भारत के पहरेदार। बहुत है लिखी इसमें ताजी खबर,जिससे कितने ही लोग हैं बेखबर। चाय का प्याला संग ले के अखबार,चाय-पान की दुकान लगी बाजार। कहीं-कहीं तो समाचार ताड़ पे चढ़ाए,कहीं-कहीं तो धरा पे गिराए। … Read more

भूलना मत अपने निज धर्म को

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)************************************ जब तक मनुष्य अपने हृदय से धर्म-कर्म नहीं करता,तब तक मनुष्य को जीवन में शान्ति नहीं मिलती। चार दिनों की यह जिंदगी,कि अजीब है पहेली,जैसे मन की बातें,हँस के-रो के कहती है दो सहेली। क्यों करते हो हे मानव तुम,धन के लिए लड़ाई,क्यों लहू के प्यासा बने हो,आपस में भाई-भाई। दुःख … Read more

तेरा साथ हो तो…

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)************************************ मेरी जीवन में,अगर तुम हो साथ,खुशियों की होती रहेगी बरसात। मैंने सदा ही तुम्हारे,साथ रहकर,अपना उज्जवल भविष्य देखा। फूलों की डाली को ज्यों सींचता है माली,अहो मित्र तेरे बिन मेरा जीवन है खाली। तुम मुझे साथ दो तो लिखूँ नई कहानी,क्या खोया क्या पाया,बाती जो पुरानी। तुम अगर साथ दो तो,हर … Read more

धरती से आकाश तक नारी

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)************************************ महिला दिवस स्पर्धा विशेष…… ना हम सभी कभी टूटने पाएँ,ना हम सभी कभी झुकने पाएँआओ सब मिल के करें प्रतिज्ञा,हम सभी अपने सम्मान की। जबसे दुनिया में आई,संपूर्ण ज्ञान को पाई हूँ,नारी के स्वरुप में मैं,पहले माँ को ही देख पाई हूँ। बहुत खेल खिलाया दुनिया वालों,मीरा को जहर पिलाया है,थोड़ी-सी … Read more

प्रीत लगी तुम्हारे नाम की…

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* प्रीत लगी तुम्हारे नाम की,अब जिया नाहीं लागे मेरानजर जिधर-जिधर करूं मैं,दिखे नहीं पिया झलक तेरी। अपनी झलक तू दिखा मुझको,बिन देखे चैन नहीं आए मुझकोबिरह सताए,हाय तड़पे जिया,तड़पे जिया तुझे देखन को पिया। कब होगा सवेरा,नैना तरसे,दर्शन को पल-पल नैना बरसेदर्द बन गया है,दिल का मेरा,जो हाल मेरा क्या वही … Read more

प्यार निभाना मुश्किल

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* दिल में बेशुमार प्यार था तेरे लिए,मैं तुम्हें बेपनाह प्यार करती थी,तुम याद करो ना करो मैं याद करती थीं,मैं याद करती थी। याद करो उस घड़ी को,जब हम-तुम हजारों बातें करते थे,कब शाम ढल जाती थी और,जुदा नहीं हो पाते थे। तेरे आने से तेरे जाने तक,धड़कनें धक-धक करतीथी,क्या बेसब्र … Read more

सैनिक,तुम हमारे बेटे हो

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* मैंने तुझको दु:ख दर्द सह कर जन्म दिया,पिता ने तुझको पाल-पोस कर बड़ा किया।तुम अपने जन्मदाता माँ की आँखों की ज्योति हो,अपने वृद्ध पिता के अनमोल रतन-सा मोती हो।भारत माता की रक्षा कर मेरे दूध का कर्ज चुका देना,बनाई हूँ मैं तुझको सैनिक,बाधाओं से टकरा जाना।तुम भाई के रक्षक हो,तुम उसी … Read more

खत श्याम के नाम

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* लिखा है खत तुझे मैंने श्याम तेरे नाम से,लेकर जाना हे हवाओं कहना श्याम से।कब तक मैं लुटती रहूंगी,कब तक दु:ख सहती रहूंगी,दहेज चलन की अग्नि में कब तक मैं जलती रहूंगी।आकर जान बचा लो श्याम,विनती मेरी सुन लो श्याम…॥ सासरे में भी मारी जाती,गर्भ में भी मारी जाती,नारी ही क्यों … Read more