कर्म महान

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* कर्ममहान है,भूलता इंसान हैफल देताकर्म। कर्ममहान है,फिर इन्सान हैअनजान,कर्म। कर्मकरते चलो,जो फल मिला हैसमझो है,कर्म। कर्ममहान है,गुमान नहीं करधन पर,हैकर्म। कर्ममहान है,जो भाग्य लिखा हैमिला वो…

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विश्वास नहीं तोडूॅ॑गी मैं

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* ईश्वर और मेरी आस्था स्पर्धा विशेष..... हे जगत पिता हे ईश्वर,शत-शत नमन आपको,कंचन थाल कपूर की बाती आरती करती आपको। हे ईश्वर विनती सुनिए आप पर…

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शिक्षक सॅ॑वारते ज़िन्दगी

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* शिक्षक:मेरी ज़िंदगी के रंग’ स्पर्धा विशेष….. शिक्षक(श्रेष्ठ गुरु)की शिक्षा ही जीवन को सँवारती है़। जब तक इंसान शिक्षक की शरण में नहीं जाता है,तब तक वो…

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जय श्रीगणेश

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* गणेश चतुर्थी विशेष.... हे शिव पुत्र गौरी के नन्दन करती हूॅ॑ मैं वन्दना,अतुलित महिमा है आपकी,करती हूॅ॑ मैं प्रार्थना। शिव भोले भन्डारी के आप परम प्रिय…

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भाई-बहन का प्यार

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* आ गया है सावन,भैया राखी में आ जाना,भूल नहीं जाना भैया अपनी छोटी बहना। सुबह होते मैं तुम्हारी राह देखती रहूंगी,राखी नहीं बाॅ॑धूंगी,तब अन्न जल नहीं…

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दिखलाते हैं ज्ञान की राह

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* गुरु पूर्णिमा विशेष.......... आओ मित्रों सभी मिल के,करें श्री गुरु की बन्दना,देते रहिए आशीष गुरुदेव करती हूँ पूजा-अर्चना। आज बहुत पावन पुण्य दिन है गुरुदेव हमारे…

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उम्मीद के सिक्के

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* मित्रों मैं तुम्हें सुनाती हूँ उम्मीद के सिक्के की कहानी,चली आ रही पूर्वजों से करना उम्मीद,बात है पुरानी। हर रोज मानव के मन में,नई-नई उम्मीद रहती…

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पिता हैं तो हम हैं

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* ‘पिता का प्रेम, पसीना और हम’ स्पर्धा विशेष….. परम पूज्य पिता की महानता जितनी बताऊँगी है कम,याद आती है बचपन से ले के सभी बातें,आँखें होती…

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सुध खो देती हूँ

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* जब-जब बजाते कृष्ण बाँसुरी,गृहकार्य नहीं कर पाती हूँ,जब सुनती हूँ बाँसुरी की मधुर धुन,मंत्रमुग्ध हो जाती हूँ। ओ मनमोहना श्री कृष्णा काहे को बाँसुरीया बजाते हो,घर…

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क्या जमाना था

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* दिल खुशी से झूम उठता है सखी,बीती बचपन की बातों से,वो भी क्या जमाना था,याद करती हूँ,हँसी आती उन यादों से। वो भी क्या जमाना था,मैं…

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