अहसान अब ये कर दे
संजय गुप्ता ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** बहुत पिलाया साकी तूने,तौबा अब बस कर दे, ये प्याला ही हो आखिरी,जहर से तू इसे भर दे। सुहानी घटाओं के रास्ते,मेरी मंजिल अब हैं नहीं, क्यूं बहलाऊँ दिल को,वही तपती दोपहर कर दे। दिल का गम दूर होता नहीं,जाना है पी पी कर, ला पिला दे कुछ ऐसा,हर गम … Read more