यह है धरती सब की जननी

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… यह है धरती सबकी जननी। सब जीव-जनाश्रय है उरवी। यह भू-महिमा अति पुण्यमयी। अति सुंदर है सब सार गहीll पद में जल-सागर अंक लिये। धरती पर शोभित मेघ लिये। खग-झुंड महान भरे नभ में। जल भीतर मीन उछाह लियेll जल-कुंभक,व्याघ्र विशाल भरे। सर-बीच खिले जल-जात … Read more

छाया बसंत ️

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** छाया बसंत अब दिक् दिगंत, है सुरभित छवि बहु दिशि बसंत। फूटे हैं कोमल नवल अंग, तरु-पुष्प-लता लद गये वृंतll मधुरस फैला चहुँओर आज, है मधुर-शांत-निर्मल प्रवाह। मदमस्त मधुर-मन मुग्ध मंत्र, कर रहा सुभाषित जग अनंतll नीलांबर मधुमय आज हुआ, मार्तंड-रश्मि से तृप्त हुआ। नव-बाल-अरुणिमा लिये अर्क, सौंदर्य से धरा … Read more

बिटिया हूँ आपकी

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** पापा,मैं बिटिया हूँ आपकी, मम्मी,मैं बिटिया हूँ आपकी। मैं रिश्तो में बंधी हुई, सुंदरता से सजी हुई। सपने बहुत संजोए हैं, बीज खुशी के बोये हैं। बेटा न सही,बेटी हूँ मैं आपकी, पढ़-लिख कर मैं शान बनूंगी आपकी॥ अभी मैं नहीं गुड़िया हूँ, घर की सुंदर बगिया हूँ। भैया की … Read more

जल है तो कल है

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** जल में ही है शक्ति जगत की, जल से ही है तृप्ति जगत की। जल ही कल है जीव जगत का, जल ही जीवन दान॥ जल से ही यह हरा-भरा जग, जल से ही ओजोन-हवा सब। जल से पुष्प अन्न फल संभव, जल से जग की शान॥ जल से निर्मल,स्वच्छ,मधुर-फल, … Read more