हाय रे गरीबी

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** भूख में तरसता यह चोला, कैसे बीतेगा ये जीवन। पहनने के लिए नहीं है वस्त्र, कैसे चलेगा ये जीवन। किसने मुझे जन्म दिया, किसने मुझे पाला है। अनजान हूँ इस दुनिया में, बहुतों ने ठुकराया है। मजबूरी है भीख मांगना, छोटी-सी अभी बच्ची हूँ। सच कहूं बाबू जी, खिला … Read more

माँ

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’ बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** ममतामयी माँ तुझ पर जान न्योछावर है, एक झलक पाने के लिए नयन तरसे हैं। तू छोड़कर कहां चली गई माँ, तेरी यादों के सहारे हूँ। साँसें केवल चल रही माँ, शरीर निर्बल लिए बैठा हूँ। माँ चीखती-चिल्लाती है, काम करके बोझ उठाती है। पेट भरती,पानी पीती, फुटपाथ पर … Read more