विश्वास

प्रेक्षा डॉन गोधा ‘परी’ दुर्ग (छत्तीसगढ़) ************************************************************* नहीं पकड़ूंगी पापा, मैं आपका हाथ। डरती हूँ छोड़ न दूँ, मैं आपका साथ। थामना आप ही मुझे सदा, फिर हम न बिछड़ेंगे कदा। आप पर अटल है विश्वास, साथ रहेंगे जब तक है श्वांस। सब कहते मैं माँ जैसी हूँ, नहीं जानती मैं कैसी हुँ। बढ़ाती रहूँ … Read more

चाँदनी

प्रेक्षा डॉन गोधा ‘परी’ दुर्ग (छत्तीसगढ़) ************************************************************* चमचमाती चाँदनी भी, आज क्यों उदास है। किस वहशी ने तोड़ी कली, बुझाई अपनी प्यास है। चाँदनी आज अपनी, मजबूरियों पर रोई हैl कैसे समझाऊं उसे जिसने, अपनी संतान खोई है। क्या लिखे परी, उस चाँदनी के हालातl जो कई गुनाहों की गवाह है, न दे सकती बयानातll … Read more

ऐसी अमर कहानी हो

प्रेक्षा डॉन गोधा ‘परी’ दुर्ग (छत्तीसगढ़) ************************************************************* ऐसी अमर कहानी हो माँ ऐसी अमर कहानी हो, एक ऐसा इतिहास रचाऊँ सबके मन को मैं भा जाऊं। हर कोई बनना चाहे बिल्कुल मेरे जैसा, ऐसी अमर कहानी हो माँ ऐसी अमर कहानी होll जब बात हो संस्कारों की सब लोग मेरा उदाहरण दें, जब बात हो … Read more

वो भी बच्चे हैं

प्रेक्षा डॉन गोधा ‘परी’ दुर्ग (छत्तीसगढ़) ************************************************************* परी अपने नानी के घर गई थी। एक दिन परी नानी और मम्मी पापा के साथ मॉल घूमने गई,वहाँ उसने बहुत मस्ती की, खेल खेले,और खाने की कई चीजें भी खरीदी। बहुत देर खेलने के बाद जब वो मॉल से बाहर निकले तो कुछ छोटे बच्चे गुब्बारे बेच … Read more