सैर गाँव की

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* आओ तुम्हें सैर हम गाँव की करायेंगे।मुलाकात तुम्हें धूप-छाँव से करायेंगे। पनघट पर जाती हुई गाँव की गौरी,श्रंगार सजी बैठी गाँव की ये छोरी।आज तुम्हें हरे-भरे खेत भी दिखायेंगे,आओ तुम्हें सैर…॥ गायों को हरी-भरी घास मिल जाती है,धरती से प्यार व दुलार भी वे पाती हैं।आज तुम्हें मोरों का नृत्य भी दिखायेंगे,आओ … Read more

कहां से दिलाऊँ छाँव रे…

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* पर्यावरण दिवस विशेष….. धरती बंजर हो गई है कहां सेदिलाऊँ छाँव रे,कड़ी धूप से झुलस रहे हैं आजशहर और गाँव रे। हरे-भरे पेड़ों को काटा,हरियालीको छीन लिया,नीम पीपल व बरगद कम है मिलतीनहीं अब छाँव रे।कड़ी धूप से झुलस… फूल कहीं अब खिलते नहीं हैकाँटों की भरमार है,नदियाँ सारी सूख रही है … Read more

नवप्रभात आएगा

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* निशी के बंधन को तोड़ नवप्रभात आयेगा।सूर्य की लालिमा से अब यह निखर जायेगा॥ पेड़ों पर कुछ नई अब कोपलें खिल जायेंगीं,कलियां फूल बनकर एक नया गीत गायेगीं।भंवरा भी आकर अब प्रभाती गीत गायेगा,निशी के बंधन… रूप की सरिता वसुंधरा भी अब बहायेंगी,आँचल में खुशियां लिये यह कुछ गुनगुनायेगी।सूरज नव प्रकाश बन … Read more

परिवार छॉंव है बरगद की

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* घर-परिवार स्पर्धा विशेष…… परिवार छॉंव है बरगद की,सुख सपनों के डेरे हैं।ये घोर निशा में दीपक है,पावन मधुर सबेरे हैं। घर-आँगन तुलसी महके,उलझे रिश्तों को सुलझाता है,लाख मुश्किलें आने पर,परिवार धीर बंधाता है।ममता की छाया मिले,मिट जाये घोर अंधेरे हैं,परिवार छॉंव है… हर दिन खुशियों वाला होता,रोज मनती दिवाली है,रात हुई उम्मीदों … Read more

धैर्य रखें-आगे बढ़ें

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* मिटे देश की आन पर,जाने कितने लोग।त्याग दिया उनने सभी सुख सुविधायें भोग॥ फैल रहाअब विश्व में, कोरोना का रोग।सब इससे भयभीत हैं,दुनियाभर के लोग॥ कोरोना से काँपते, अखिल विश्व के लोग।दीन हीन हो या सबल,सबको पकड़े रोग॥ संकट है छाया हुआ,डरता मन का मोर।एक-दूसरे से डरें,मचा हुआ है शोर॥ टल जाएँ … Read more

अब हर लो सारे पापों को

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* यह कैसा कोरोना आया,ले जा रहा इक साथ में,करता है भयभीत सभी को,कुछ न रह जाता हाथ में। मिलना अभी गुनाह हो गया,हाथ मिलाया नहीं गया,कैसा ये मौसम आया है,अब अपना कैद हो गया। अंतिम इच्छा नहीं पूछते,चाहे मिलने की ही हो,दिल पर पत्थर रख लेते हैं,चाहे चाह इक रही हो। यहाँ … Read more

होली के रंग

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… रंगों से सब रंगे हुए थे,पर मन से हम रंग ना पाये।उलझनें लेती अंगड़ाई,बात ये मन की कह न पाये। शिकवे शिकायतें करते हैं,पल-पल में बेचैन हुए थे।बेचैनी और जलन बढ़ी तो मन से हम न रँगे हुए थे।टेसू दहके लाल रंग,जंगल में ठंडी आग लगाये,रंगों … Read more

बौराया अम्बुवा…

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* सरसों खिली बाग में पीत हो गये।बसंती रूत में गुल मीत हो गये॥ बौराया अम्बुवा पलाश खिल रहे,टेसू के रंगों से रंग मिल रहे।फागुनी राग में नवगीत हो गये,सरसों खिली…॥ रूत बसंत आज उल्लास भर रही,लताएं फूल से श्रृंगार कर रही।भंवरों की गुंजन के गीत हो गये,सरसों खिली…॥ निर्झर निनाद से अब … Read more

शुभ दिन आया

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************** शुभ दिन आया मंगल गाओ,राम विराज रहे,सजे आरती दीप जलाओ जय श्री राम कहें। बलिदानों व संघर्षों का ये शुभ परिणाम हुआ,वर्षों से चलते द्वंद्वों का आखिर विराम हुआlरत्न सिंहासन बैठेंगें राम सीता सँग रहे,आया शुभ दिन… पलक पांवड़े आज बिछाओ जगमग ज्योत जले,भावों के मोतियों को ले अयोध्या धाम चलेlरामलला का … Read more

चीन की गुस्ताखी माफ नहीं

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************** छल पे छल करता चीनी,अब बातों में ना आएंगे,गहरी चालों के भ्रम जालों में हम ना पड पाएंगे। मित्रता का ढोंग रचाता साजिशें करता जाता है,बातें इस की झूठी सारी बस भरमाता जाता है। इसके मीठे बोलों में हम हरगिज आ ना पाएंगे,सीमाओं पर कदम बढ़ाया,इसको मजा चखाएंगे। बुझदिल और कायर है … Read more