भारतीय भाषाओं में है आत्मनिर्भरता का मूल

प्रो. गिरीश्वर मिश्रदिल्ली********************************************************** भाषा संवाद में जन्म लेती है और उसी में पल-बढ़ कर समाज में संवाद को रूप से संभव बनाती है। संवाद के बिना समाज भी नहीं बन…

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`अरथु अमित अति आखर थोरे

प्रो. गिरीश्वर मिश्र दिल्ली ************************************************************* पिछली पांच सदियों से भारतीय लोक जीवन में मूल्यगत चेतना के निर्माण में गोस्वामी तुलसीदास के ‘रामचरितमानस’ का सतत योगदान अविस्मरणीय हैl लोक भाषा की…

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