मन मेरा भी नहीं,मन तेरा भी नहीं

गोलू सिंह रोहतास(बिहार) ************************************************************** मन मेरा भी नहीं,मन तेरा भी नहीं, अब तो बस दोनों ओर से बहानों के तीर चलते हैंl आज भी कभी तन्हाइयों में सुगबुगाहट होती है, दिलों से होकर यादों के पीर चलते हैंl कल संग थे,बहुत खुश थे, आज अकेले हैं,होकर गंभीर चलते हैंl चलो,सीख लिया बहुत कुछ,हम सबने छोड़ … Read more