तुम्हारा साथ है महफ़िल जैसा
अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)**************************************************** मुहब्बत की सनम गहराइयों में।मज़ा आने लगा रुसवाइयों में। तुम्हारा साथ है महफ़िल के जैसा,नहीं रहना है अब तन्हाइयों में। सनम की दिल फरेबाना अदाएं,बसी हैं मस्तियाँ अंगड़ाइयों में। गमों आलम में डूबा मेरा दिल,सनम डूबे हुए शहनाइयों में। हमारे प्यार को दहला सकें जो,है इतना दम कहाँ बलवाइयों … Read more