है गर्व हमें

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** भारत की आत्मा ‘हिंदी’ व हमारी दिनचर्या…. भारत की आत्मा है हिन्दी,व हमारी दिनचर्या भी यही,…………………है गर्व हमें।………………………. जन्मे भारत की माटी पर,भाषा सबसे प्यारी है यही,………………..है गर्व हमें॥……………………….भारत की आत्मा है हिन्दी… है ओम शब्द हिन्दी का ही,जो सूरज दिन भर कहता है।चन्दा भी हर पूर्णमासी में,अपनी किरणें … Read more

बना वक्त पहला शिक्षक

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** शिक्षक:मेरी ज़िंदगी के रंग’ स्पर्धा विशेष….. बना वक्त पहला शिक्षक,ये है साथ जन्म से ही।करूँ कद्र मैं सभी की,मुझे सीख पहली ये दी।बना वक्त पहला शिक्षक…॥ रखूं मैं सुकूं हमेशा,मुझे सब्र भी सिखाया,करे दिल अदब सभी का,ये हालत ने बताया।जले प्रेम ज्योति मन में रहे बिखरी रौशनी भी,बना वक्त … Read more

वक्त

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** वक्त को जो मिला हमसे कभी,रखता नहीं है,हाल जो भी बना करते हमें,देता वही है। रहगुज़र में बने हालात जो,सब हैं इसी के,सुख कहाँ,दु:ख कहाँ देना करे निर्णय सही है। साथ कोई न रहता इस तरह,साँसों का बन के,जिन्दगी तो गुजर जाती मगर,रहता यही है। हर घड़ी खुद को … Read more

नहीं दु:ख की घड़ी रहती

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** घर-परिवार स्पर्धा विशेष…… रचनाशिल्प:१२२२ १२२२ १२२२ १२२२मुहब्बत से सजा रहता जो घर-परिवार जीवन का,उसी में हर खुशी रहती।नहीं दु:ख की घड़ी रहती। पिता,माता,बहन,भाई,सभी रहते हैं मिल-जुल के,यहीं तो हर खुशी रहती।नहीं दु:ख की घड़ी रहती,मुहब्बत से सजा रहता…॥ दरो-दीवार में कितनी मुहब्बत की महक रहती,बड़े-छोटे सभी रहते,खुशी की हर … Read more

जीवन का विश्वास

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** धरती से मिटा सकता कोई भी न जीवन को,संतान बना रखती धरती ही तो जीवन को। दस्तूर जो कुदरत के दुनिया में बने होते,इनको ही निभाने से सब मिलता है जीवन को। मिट पाए खुदी ग़र न जीवन से कभी पहले,तकदीर मिले बनकर मनचाही-सी जीवन को। ख्वाहिश न बने … Read more

जिन्दगी पल रही

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** चल रहे वक्त के साथ धरती गगन,सृष्टि की बन धुरी जिन्दगी पल रही।चाल कायम रहे कुदरती देन की,कह सकें सब यहाँ जिन्दगी चल रही॥चल रहे… वक्त,धरती,गगन,कुदरती देन हैं,लोग समझें न पर बस इसी बात को।सबकी अपनी खुशी,सुख सभी का मगर,सृष्टि के बिन यहां कैसे हालात हों।थम गई चाल जो … Read more

तुमसे ही जिन्दगी है हमारी

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** महिला दिवस स्पर्धा विशेष…… रचनाशिल्प:२२१ २१२ २१२ २तुम केन्द्र,हम धुरी हैं तुम्हारी,तुमसे ही जिन्दगी है हमारी।कहते सभी तुम्हें अबला नारी,तुम केन्द्र,हम…धुरी हैं तुम्हारी॥ सबको जनम तुमने दिया है,तुमने ही सबका पालन किया है।पर बात क्या जो सबला न नारी,कहते सभी हैं क्यूं अबला नारी।तुम केन्द्र,हम…॥ नौ माह कोख में … Read more

धूप और छाँव

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** मिली साँस-धड़कन नहीं क्या मिला है,तुझे जिन्दगी दु:ख ये कैसा हुआ है। यहां धूप और छाँव का सिलसिला है,गुजर जाएगा जो भी ठहरा हुआ है। सुखों के तू जज्बे बना अपने दिल में,मुकम्मल खुदी से ही ऐसा हुआ है। दिखा उम्र के दौर प्यारे सभी को,जमाना कहे ये तो … Read more

कितना प्यारा समय

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** वेशभूषा बदल के आते हैं,हाल बेहतर मेरे बनाते हैं।कर्म अपने लिए ही करता हूँ,जाने कैसे वो जान जाते हैं॥वेशभूषा बदल के… पास जो खुद के वो भला न लगे,दूसरों की छवि बनाता हूँ।पाल पाता अगर ‘खुदी’ अपनी,तब तो कहता खुदा को पाता हूँ।पर नहीं खुद में ही मैं रहता … Read more

जंग जीवन की

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** जंग जीवन की सभी लड़ते हैं जीने के लिए,जीने के लिए,जीने के लिए…मौत-ए-मंजिल का सफर करते हैं जीने के लिए,जीने के लिए,जीने के लिए…llजंग जीवन की… सब सफर में हैं मगर अगले कदम की न खबर,उम्र जीनी है मगर अगले ही पल से बेखबर।फिर भी तो मिटती न चाहत … Read more