गलत सोच

सुमिधा सिदार`हेम` सरकण्डा(छत्तीसगढ़) ****************************************************** थक गई हूँ तेरे गलत इल्ज़ाम से, कठपुतली की तरह कब तक सजी रहूँ महंगी साड़ी,गहने-श्रृगांर से। मैं कोई वस्तु नहीं,मेरे अन्दर भी जीव है, दर्द होता है तेरी इन कड़वी बातों से। मैं औरत हूँ, बस औरतों के बीच रहूँ यही मेरी पहचान है। जीना चाहती हूँ मैं, कुछ करना … Read more