लम्हें…
विद्या होवालनवी मुंबई(महाराष्ट्र )****************************** गुजरा हुआ हर पल लम्हा बन जाता है,हर लम्हा यादों का बसेरा बन जाता है। कभी-कभार हँसाता है,तो कभी रूला भी देता है,कुछ को भुला देते हैं,तो कुछ नए एहसास भी जगा देता है। लम्हों की धूप-छाँव जीवन भर गुनगुनाती है,कभी मोहब्बत तो कभी नफ़रत भी सिखा देती है। गुजरा हर … Read more